धनबाद, 19 जनवरी: धनबाद का झरिया कोयलांचल गुरुवार को बमों के धमाके और गोलियों की आवाज से दहल उठा. तलवारें चमकीं, लाठियां बरसीं और पत्थर भी चले. लगभग एक दर्जन लोग बुरी तरह घायल हुए हैं. यहां की सियासत से लेकर कोयले के कारोबार तक में दखल रखने वाले दो घरानों 'सिंह मैंशन' और 'रघुकुल' के बीच वर्चस्व की लड़ाई में दोनों पक्ष के समर्थकों के बीच जमकर संघर्ष हुआ. आधा दर्जन घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में दाखिल कराया गया है. बाद में घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने कई बम, गोलियों के खोखे और तलवार और अन्य सामान बरामद किए हैं. UP: प्रेम संबंध का विरोध करने पर बागपत में बेटे ने मां की हत्या की
'सिंह मैंशन' और 'रघुकुल' आज की तारीख में अलग-अलग घराने के तौर पर जाने जाते हैं, लेकिन ये दोनों धनबाद में लंबे वक्त तक माफिया राज के पर्याय रहे सूरजदेव सिंह के परिवार के ही हिस्सा हैं. सूरजदेव सिंह के निधन के कुछ साल बाद ही यह परिवार साफ-साफ दो घरों में बंट गया और इसके साथ ही उनमें राजनीति और कोयले के कारोबार में वर्चस्व की जंग ने खूनी संघर्ष की शक्ल अख्तियार कर ली. इस संघर्ष में दोनों ओर से अब तक तकरीबन एक दर्जन से भी ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. दोनों घरानों के पास समर्थकों की बड़ी तादाद है. उनकी लड़ाई में बंदूकें आए दिन एक-दूसरे पर तन जाती हैं. गोली-बम-बारूद के धमाके आम बात हैं.
गुरुवार को इस लड़ाई का रणक्षेत्र बनी झरिया थाना क्षेत्र की गुलगुलिया बस्ती. यहां दोनों ओर के दर्जनों समर्थक एक-दूसरे से भिड़ गए. बताया जाता है कि दो दिन पूर्व सिंह नगर भुइयां बस्ती के दर्जनों महिला-पुरुष कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे. इसके बाद से ही इलाके में तनाव व्याप्त था. इसके बाद आज सुबह सिंह मैंशन के समर्थक रामबाबु धिक्कार और रघुकुल समर्थक धनंजय यादव के लोगों ने एक-दूसरे को लक्ष्य कर बम फेंके और गोलियां चलाईं. संघर्ष में घायल हुए लोगों में तीन लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. कई घायलों को इलाज के लिए धनबाद के एसएनएमएमसीएच में भी भर्ती कराया गया है. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस इलाके में कैंप कर रही है.
बता दें कि इन दिनों रघुकुल का वास्ता कांग्रेस से है, जबकि सिंह मैंशन घराना भाजपा की राजनीति में दखल रखता है. झरिया की कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह रघुकुल की बहू हैं, जबकि पिछले चुनाव में पराजित हुईं रागिनी सिंह भाजपा की प्रत्याशी थीं.