यूपी के गाजियाबाद का रहने वाला एक युवक ने आरोप लगाया है कि यात्रा के दौरान ट्रैफिक पुलिस वालों ने उसकी कार रोकने के बाद गाड़ी के पेपर दिखाने को कहा. उनके कहने पर उसने डिजिलॉकर (Digilocker) में कागज दिखाया. लेकिन ट्रैफिक पुलिस वाले उसे नहीं माने और बदले में 7500 हजार रुपये का चालान काट दिए. बदले में वह पुलिस स्टेशन में इस मामले में शिकायत दर्ज करवाने गया तो उसकी शिकायत भी नहीं ली गई. वहीं इस मामले में भारत सरकार की तरह से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि डिजिलॉकर पर उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों को कानूनी रूप से 2000 के आईटी अधिनियम के तहत वैध प्रमाण दस्तावेजों के रूप में मान्यता प्राप्त है. इस परिपत्र के तहत, ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और ले जाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी.
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MORTH has issued a circular (no. RT-11036/64/2017-MVL dated 08-08-2018) stating that documents for Driving Licences, Registration Certificates, and other documents made available on DigiLocker are legally recognised as valid proof documents under the IT Act of 2000. pic.twitter.com/P86VH78vMK
— DigiLocker (@digilocker_ind) February 21, 2023
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