नई दिल्ली: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) और मालदीव की फर्स्ट लेडी साजिदा मोहम्मद रविवार को अपने पहले द्विपक्षीय दौरे के लिए नई दिल्ली पहुंचे. इस दौरे के दौरान राष्ट्रपति मुइज्जू भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे. राष्ट्रपति मुइज्जू का स्वागत भारत के विदेश राज्य मंत्री किरीट वर्धन सिंह ने किया. उनका यह दौरा भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आधिकारिक निमंत्रण पर हो रहा है और यह यात्रा 6 से 10 अक्टूबर तक चलेगी.
हाल ही में, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 79वें सत्र के दौरान, राष्ट्रपति मुइज्जू ने ANI को बताया था कि वह जल्द से जल्द भारत दौरा करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने भारत और मालदीव के बीच "बहुत मजबूत" द्विपक्षीय संबंधों की प्रशंसा करते हुए कहा, "मैं जल्द से जल्द भारत आने की योजना बना रहा हूं... हमारे बीच बहुत मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं." यह राष्ट्रपति मुइज्जू का इस साल भारत का दूसरा दौरा होगा, इससे पहले वह जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे.
दिलचस्प बात यह है कि मालदीव के लगभग हर राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल के दौरान अपनी पहली विदेश यात्रा भारत की ओर की है, लेकिन मुइज्जू ने इस परंपरा को बदलते हुए पहले तुर्की और फिर चीन का दौरा किया. उनके सत्ता में आने के बाद से भारत-मालदीव संबंधों में कुछ अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिले हैं. मुइज्जू ने अपने राष्ट्रपति चुनाव अभियान को 'इंडिया आउट' के नारे पर चलाया था, जिसमें मालदीव से भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग प्रमुख मुद्दा था.
हालांकि, हाल के दिनों में राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत के प्रति अपनी नीति में कुछ नरमी दिखाई है. भारत के साथ संबंधों में आई कड़वाहट के बाद उन्होंने एक सुलहकारी रुख अपनाया है. उन्होंने भारत से मिले आर्थिक सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया और नई दिल्ली को माले का 'निकटतम' सहयोगी बताया है.
भारत-मालदीव संबंधों में नए आयाम
मालदीव और भारत के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध रहे हैं. भले ही मुइज्जू ने अपने चुनाव अभियान में 'इंडिया आउट' का नारा दिया हो, लेकिन उनका यह दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों को फिर से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. भारत ने मालदीव को कई बार आर्थिक और सैन्य सहायता प्रदान की है, और इस दौरे के माध्यम से दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और कूटनीतिक संबंधों को नए आयाम मिलने की उम्मीद है.
राष्ट्रपति मुइज्जू का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत-मालदीव संबंध वैश्विक मंच पर ध्यान का केंद्र बने हुए हैं. राष्ट्रपति मुइज्जू का भारत आना यह संकेत देता है कि दोनों देश अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए तैयार हैं, भले ही उनके बीच राजनीतिक मतभेद क्यों न रहे हों.
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस दौरे के बाद भारत-मालदीव संबंधों में क्या नए बदलाव और प्रगति होती है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक राजनीति में मालदीव की भूमिका लगातार बढ़ती जा रही है.