मुंबई: महाराष्ट्र (Mahrashtra) में महा विकास अघाड़ी की सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने सरकार की तरफ से ऐलान किया है कि मुसलमानों को शिक्षा में 5 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. उनके इस ऐलान के बाद से ही विरोध शुरू हो गया है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने मीडिया के बातचीत में नवाब मलिक पर टिप्पड़ी करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे को ये सोचना चाहिए कि कितने राज्यों ने ऐसा करके लोगों को बेवकूफ बनाया. लेकिन जब मामला कोर्ट में जाता है तो वहां पर अटक जाता है. क्योंकि संवैधानिक रूप से आप धर्म के आधार पर किसी को आरक्षण नहीं दे सकते हैं.
मुस्लिमों को पांच फीसदी आरक्षण देने की प्रतिक्रिया मुख्तार अब्बास नकवी देने से पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मुस्लिमों को दिए जाने वाले आरक्षण का विरोध जता चुके हैं. उन्होंने कहा कि “बाबा साहेब के बनाए संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. इसके बाद भी धर्म के आधार पर आरक्षण देने की बात की जा रही है.फडणवीस ने कहा कि अगर मुस्लिमों को अतिरिक्त आरक्षण दिया गया तो अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल सकेगा. यह भी पढ़े: मुंबईः ठाकरे सरकार का बड़ा ऐलान- शिक्षा में मुसलमानों को मिलेगा 5 प्रतिशत आरक्षण
नवाब मलिक के बयान(महाराष्ट्र सरकार शिक्षा में मुस्लिमों को5%आरक्षण देगी)पर मुख्तार अब्बास नक़वी:उद्धव ठाकरे को ये सोचना चाहिए कि कितने राज्यों ने ऐसा करके लोगों को बेवकूफ बनाया, लेकिन सब कोर्ट में जाकर खत्म हो गया क्योंकि संवैधानिक रूप से आप धर्म के आधार पर ऐसा नहीं कर सकते। pic.twitter.com/oCkBrcr6at
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 1, 2020
बता दें कि मुसलमानों में शिक्षा में 5 फीसीद आरक्षण देने के बाद सरकार को इसके लिए एक कानून लाना पड़ेगा. जिसके बाद ही आरक्षण दिया जा सकता है. फिलहाल महा विकास अघाड़ी की सरकार इस पर कानूनी सलाह ले रही हैं.