Maharashtra Electricity Strike: महाराष्ट्र में आज से बिजली उपभोक्ताओं को संकट का सामना करना पड़ सकता है. निजीकरण के विरोध में महावितरण के साथ जुड़ी यूनियनों के करीब डेढ़ लाख कर्मचारी हड़ताल पर जाने वाले हैं. यह हड़ताल 9 अक्टूबर से शुरू होकर 11 अक्टूबर तक चलेगी. यह भी पढ़े: UP Electricity Strike: यूपी के हड़ताली बिजलीकर्मियों का कटेगा एक माह का वेतन, और पेंशन रोकने का आदेश जारी
हड़ताल की वजह
कर्मचारी संगठन बिजली वितरण कंपनी के निजीकरण और पुनर्गठन के विरोध में यह आंदोलन कर रहे हैं. हालांकि, 6 अक्टूबर को राज्य की अतिरिक्त मुख्य सचिव अभा शुक्ला और प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्रा के साथ हुई बैठक में प्रशासन ने स्पष्ट किया कि निजीकरण को लेकर फिलहाल कोई सक्रिय प्रस्ताव मौजूद नहीं है. यानी निजीकरण नहीं किया जा रहा है. इसके बावजूद यूनियनों का आरोप है कि राज्य की 329 सबस्टेशन को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है.
हालांकि, प्रबंधन ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि सभी सबस्टेशनों का नियंत्रण अभी भी महावितरण के पास ही है.
महावितरण की आपात तैयारियां:
हड़ताल के दौरान न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करने के लिए महावितरण ने कई कदम उठाए हैं:
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सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द
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सभी को ड्यूटी पर तुरंत हाज़िर रहने का निर्देश
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मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में नियंत्रण कक्ष सक्रिय
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बिजली आपूर्ति की घंटे-दर-घंटे निगरानी
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ठेका कर्मचारियों और बाहरी संसाधनों की मदद से वैकल्पिक व्यवस्था
उपभोक्ताओं पर असर:
- इस हड़ताल का असर घरेलू उपभोक्ताओं, कृषि क्षेत्र, उद्योग, अस्पताल, जलापूर्ति, कोल्ड स्टोरेज और यातायात सेवाओं पर पड़ सकता है. हालांकि महावितरण ने आश्वासन दिया है कि जरूरी सेवाओं को बैकफीड व्यवस्था के तहत प्राथमिकता के आधार पर बिजली आपूर्ति की जाएगी.
महावितरण का उपभोक्ताओं से अपील:
महावितरण ने नागरिकों से अपील की है कि अफवाहों पर विश्वास न करें, धैर्य रखें और सहयोग करें. बिजली संबंधी शिकायतों के लिए 24 घंटे उपलब्ध टोल-फ्री नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है
☎️ 1912
☎️ 1800-212-3435
☎️ 1800-233-3435
अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि सभी शिकायतों का शीघ्र समाधान किया जाएगा.
कौन-कौन सी यूनियनें हैं हड़ताल में शामिल?
इस हड़ताल में जिन सात यूनियनों ने भाग लिया है, वे सभी बड़ी और प्रभावशाली मानी जाती हैं:
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महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन
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महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स महासंघ
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सबऑर्डिनेट इंजीनियर्स एसोसिएशन
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महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स कांग्रेस
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महाराष्ट्र स्टेट बैकवर्ड इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स संगठन
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महाराष्ट्र स्टेट स्वाभिमानी इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स यूनियन
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टेक्निकल वर्कर्स यूनियन
MESMA लागू
बिजली सेवा को आवश्यक सेवा मानते हुए राज्य सरकार ने महाराष्ट्र अत्यावश्यक सेवा संधारण अधिनियम (MESMA) लागू कर दिया है, जिससे यह हड़ताल अवैध घोषित हो गई है.
हड़ताल में भाग लेने वाले कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है, वहीं नए और ठेका कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं. प्रबंधन ने यह भी कहा है कि हर महीने के चौथे सोमवार को नियमित बैठकें आयोजित की जाएंगी, ताकि कर्मचारियों से संवाद बेहतर हो सके.













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