COVID-19: लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस, 5 राज्यों के यात्रियों के लिए RT-PCR निगेटिव टेस्ट किया अनिवार्य
कोरोना वायरस मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के मद्देनजर महाराष्ट्र ने दिल्ली-एनसीआर समेत पांच राज्यों के यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर (RT-PCR) निगेटिव टेस्ट अनिवार्य किया है. महाराष्ट्र सरकार ने केरल, गोवा, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली-एनसीआर और उत्तराखंड को संवेदनशील स्थान घोषित किया है. यानी इन स्थानों से आने वाले यात्रियों को महाराष्ट्र में प्रवेश करने के लिए 48 घंटे पहले तक का निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखाना होगा.
मुंबई: कोरोना वायरस (Coronavirus) मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के मद्देनजर महाराष्ट्र (Maharashtra) ने दिल्ली-एनसीआर समेत पांच राज्यों के यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर (RT-PCR) निगेटिव टेस्ट अनिवार्य किया है. महाराष्ट्र सरकार ने केरल, गोवा, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली-एनसीआर और उत्तराखंड को संवेदनशील स्थान घोषित किया है. यानी इन स्थानों से आने वाले यात्रियों को महाराष्ट्र में प्रवेश करने के लिए 48 घंटे पहले तक का निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखाना होगा. कोरोना का प्रकोप: हांगकांग ने भारत से पहुंचने वाली उड़ानें मंगलवार से 3 मई तक स्थगित कीं
महाराष्ट्र (Maharashtra) में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में अब तक के सर्वाधिक 68,631 मामले आये वहीं 503 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी. इसके साथ राज्य में अब तक संक्रमितों की संख्या 38,39,338 हो गयी है वहीं मृतकों की संख्या 60,473 पहुंच गयी. महाराष्ट्र में इस समय 6,70,388 संक्रमित उपचार करा रहे हैं.
वहीं, वाणिज्यिक राजधानी मुंबई में संक्रमण के 8,468 नये मामले आये वहीं 53 लोगों की मौत हो गयी. शहर में संक्रमितों की कुल संख्या 5,79,486 हो गयी है, वहीं मृतक संख्या 12,354 पहुंच गयी है.
उधर, महाराष्ट्र के नंदुरबार में रेलवे द्वारा तैनात किये गए पृथकवास कोचों में संक्रमितों को एडमिट किया जा रहा है. रेलवे ने कहा कि वर्तमान में, 4,002 परिवर्तित कोच रेलवे के 16 ज़ोन में उपलब्ध हैं और अनुरोध पर राज्य सरकारों को उपलब्ध कराए जा सकते हैं. प्रत्येक कोविड-19 देखभाल रैक में 20 कोच हैं, जिसमें परिवर्तित स्लीपर और जनरल कोच शामिल हैं और इनमें से प्रत्येक कोच में 16 मरीजों को भर्ती किया जा सकता है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, कोचों की जिम्मेदारी रेलवे और राज्य सरकार द्वारा साझा की जाएगी. रेलवे ने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) स्टेशन परिसर और प्लेटफार्म क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करेगा, जहां कोच खड़े किये गए हैं. जबकि जिला प्रशासन ऑक्सीजन सिलेंडर, अपशिष्ट के निस्तारण, खानपान, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ, एम्बुलेंस और समग्र पर्यवेक्षण के लिए जिम्मेदार होगा. दिशानिर्देशों के अनुसार रेलवे के इन कोचों का उपयोग बहुत हल्के मामलों के लिए किया जा सकता है.