महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने शाह से की मुलाकात, मंत्रिमंडल गठन पर चर्चा
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, गृह मंत्री अमित शाह व CM एकनाथ शिंदे (Photo Credit : Twitter)

नई दिल्ली, 9 जुलाई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की खबरों के बीच शाह के साथ इन दोनों नेताओं की मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. शुक्रवार रात को शिंदे और फडणवीस ने अमित शाह से मुलाकात कर महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात की उन्हें जानकारी दी. बता दें कि, तमाम राजनीतिक कयासों को धत्ता बताते हुए भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली थी. भाजपा आलाकमान के निर्देश पर देवेंद्र फडणवीस ने भी उसी दिन उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद अब सबसे बड़ी चुनौती मंत्रिमंडल का विस्तार कर विभागों का बंटवारा करना है.

महाराष्ट्र में शिंदे गुट और भाजपा नेताओं की चर्चा के दौरान कई फॉर्मूले पर चर्चा हुई. इसलिए यह माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे ने शाह से मुलाकात के दौरान मंत्रियों की संख्या और विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चा की होगी. अमित शाह ने शिंदे और फडणवीस के साथ मुलाकात की तस्वीरों को साझा करते हुए ट्वीट कर कहा, "महाराष्ट्र के नवनियुक्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी से भेंट की और उन्हें शुभकामनाएं दीं. मुझे विश्वास है कि श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में आप दोनों पूरी निष्ठा के साथ जनता की सेवा कर महाराष्ट्र को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे." यह भी पढ़े : J-K: कश्मीर के बारामूला में लश्कर-ए-तैयबा का हाइब्रिड आतंकवादी गिरफ्तार, गोला बारूद बरामद

दरअसल, विधायकों की संख्या के आधार पर बड़ी पार्टी होने के बावजूद भविष्य की रणनीति को ध्यान में रखते हुए भाजपा आलाकमान ने शिवसेना को सत्ता से बाहर करने वाले एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन विधायकों की संख्या के आधार पर एक फॉमूर्ला बनाकर भाजपा मंत्रिमंडल का गठन करना चाहती है.

वहीं, एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे सरकार का साथ छोड़ने वाले सभी 8 मंत्रियों के साथ-साथ 4-5 और महत्वपूर्ण विधायकों को अपने कोटे से मंत्री बनाना चाहते हैं. शिवसेना पर कब्जा जमाने के मकसद से शिंदे महत्वपूर्ण मंत्रालयों को भी अपने कोटे में रखना चाहते हैं.