नई दिल्ली: पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने शनिवार को लुधियाना कोर्ट बम विस्फोट मामले (Ludhiana Court Blast) में आरोपी-सह-पीड़ित, गगनदीप सिंह (Gagandeep Singh) (31) की पहचान करने का दावा किया है, जिसके कथित तौर पर पाकिस्तान (Pakistan) स्थित खालिस्तान (Khalistan) समर्थक तत्वों के साथ संबंध थे. लुधियाना में जिला अदालत परिसर में गुरुवार को एक सार्वजनिक शौचालय में एक उच्च तीव्रता वाला विस्फोट हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए. पुलिस के अनुसार, बम लगाने के दौरान जिस व्यक्ति की मौत हुई थी, वह सिंह था. Ludhiana Court Blast: मारा गया शख्स हो सकता है लुधियाना कोर्ट धमाके का संदिग्ध, जांच के लिए दिल्ली से रवाना हुई NSG टीम
वह पंजाब पुलिस में हेड कांस्टेबल रह चुका था और उसे अगस्त 2019 में उसके कब्जे से हेरोइन बरामद होने के बाद बर्खास्त कर दिया गया था. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि उसने सुरक्षा कर्मियों को चकमा देने के लिए कथित तौर पर अपने पेट के चारों ओर बम बांध दिया था.
एक विश्वसनीय सूत्र ने कहा, "पता लगने से बचने के लिए, उसने अपने पेट के चारों ओर आईईडी बांध लिया था, क्योंकि वह जानता था कि यह किए बिना अदालत परिसर में प्रवेश करना असंभव होगा. इसे अपने शरीर पर बांधकर, वह बम को अंदर ले जाने में सक्षम रहा."
सिंह ने कथित तौर पर अपनी योजना को अंजाम देने के लिए अदालत परिसर की रेकी भी की थी.
पंजाब पुलिस ने पाया है कि आईएसआई ने जर्मन स्थित एक कट्टरपंथी खालिस्तानी समूह की मदद की, जिसने विस्फोट को अंजाम देने में मदद की. पंजाब पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि खालिस्तानी गुर्गे ड्रग्स माफिया और पाकिस्तान स्थित हथियार और नशीले पदार्थों के डीलरों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
यह संभवत: पहली बार है जब अंतरराष्ट्रीय संबंध रखने वाले ड्रग्स डीलर खालिस्तानी गुर्गों और आईएसआई एजेंटों के साथ मिलकर आतंक पैदा करने और देश भर में विशेष रूप से पंजाब में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के इरादे से काम कर रहे है. पुलिस के एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि वे पंजाब में अराजकता जैसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं.
आईएसआई खालिस्तानी समूहों को भारत के खिलाफ अपना एजेंडा फैलाने में मदद कर रहा है. लुधियाना ब्लास्ट में भी आईएसआई का नाम सामने आया है. सिंह के कथित तौर पर खालिस्तानी गुर्गों के साथ संबंध थे, जो आईएसआई के इशारे पर काम कर रहा था. जब वह हेरोइन रखने के लिए दायर एनडीपीएस मामले के सिलसिले में लुधियाना की एक जेल में बंद था, तब उसने आईएसआई और खालिस्तानी गुर्गों के साथ संपर्क स्थापित कर लिए थे.