बीएसपी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने अपनी ही पार्टी के तीन बार विधायक रहे रमेश चंद्र बिंद (Ramesh chandra Bind ) को पार्टी से निकाल दिया है. मिर्जापुर मझवां विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे रमेश चंद्र बिंद को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण बाहर का रस्ता दिखाया गया है. खबरों के मुताबिक रमेश चंद्र बिंद जहां से विधायक हैं वो सीट सपा को गठबंधन के दी जाने की आशंका जताई गई है. जिसके बाद रमेश चंद्र बिंद काफी नाराज थे और वहीं से चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे. जिसके बाद बीएसपी ने यह फैसला लिया है.
वहीं रमेश चंद्र बिंद इस सीट से चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटे हुए थे. जिसके बाद पार्टी ने उन्हें समझाने की कोशिश भी की लेकिन वे अपने फैसले को लेकर अडिग रहें. मायावती और अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव में साथ लड़ने की घोषणा 12 जनवरी को की. सपा-बसपा राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 सीटों पर लड़ेंगी और अमेठी व रायबरेली में अपने उम्मीदवार नहीं खड़े करेगी.
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गौरतलब हो कि मायावती ने स्पष्ट किया कि सपा-बसपा के बीच गहरे मतभेद और दुश्मनी अब अतीत की बातें हो गई हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जनहित को देखते हुए सपा कार्यकर्ताओं के जून 1995 के हमले की भी अनदेखी करने का भी फैसला किया है. लेकिन अब यह भी सवाल उठने लगा है कि अगर पार्टी में इसी तरह नेताओं का पत्ता कटता रहा तो आगामी लोकसभा में सपा और बसपा को बीजेपी के साथ-साथ पार्टी से बगावत करने वाले नेताओं से निपटना होगा.