मिराज-2000 दुर्घटना में शहीद स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल की पत्नी देश के लिए ये बड़ा काम कर देंगी अपने पति को श्रद्धांजलि
शहीद स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल के साथ पत्नी गरिमा अबरोल, (फोटो क्रेडिट्स: इन्स्टाग्राम)

इंडियन एयरफोर्स के लोगों के लिए जिंदगी बहुत मुश्किल है और उससे ज्यादा मुश्किल उनके परिवार के लिए. लेकिन उनकी पत्नियों के लिए जिंदगी और भी ज्यादा मुश्किल हो जाती है. फरवरी में हुई विमान दुर्घटना में हमने अपने 13 वायु सेना पायलटों को खो दिया. पायलटों की शहीदी के बाद पूरे देश ने शोक व्यक्त किया, उसके बाद फिर जिंदगी उसी तरह चलने लगी. जबकि शहिदों के परिवार के लिए ये आसान नहीं है, ये नुक्सान पूरी जिन्दगी उनके साथ रहता है और उनकी कमी हमेशा उनके मन में एक टिस की तरह चुभती रहती हैं. उन्ही शहीद जवानों में से एक स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल की पत्नी गरिमा अबरोल ने अपने पति की याद में पूरी जिंदगी रोने के बजाय अपने पति की शहादत को अविस्मरणीय तरीके से सम्मानित करने का फैसला किया है. गरिमा वायुसेना में शामिल होने के लिए तैयार हैं. फेसबुक पर स्वप्निल पांडे नाम के शख्स ने इस साल फरवरी में मिराज 2000 लड़ाकू विमान दुर्घटना में शहीद हुए समीर अबरोल की पत्नी गरिमा के बारे में एक पोस्ट डाली है. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, कि सशस्त्र बल सैनिकों की पत्नियां मेटल की बनी होती हैं. एक सैनिक बनाने और राष्ट्र के लिए योद्धाओं की एक पूरी टुकड़ी बनाने में कई साल लग जाते हैं. ऐसे लोगों के साथ रिश्‍ता निभाने वाली महिलाएं विशेष होती हैं, क्‍योंकि उन्‍हें पता होता है कि उनके पति के लिए सबसे पहले उनकी वर्दी है. उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, गरिमा अबरोल याद हैं? गरिमा शहीद स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल की पत्नी हैं. समीर फरवरी महीने में बेंगलुरु में मिराज-2000 लड़ाकू विमान हादसे में शहीद हो गए.

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गरिमा अबरोल ने अपने इन्स्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की है. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, मैं गरिमा अबरोल हूं… ..मैं शहीद स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल की पत्नी हूं… .मेरे आँसू अभी भी सूखे नहीं हैं… अभी भी विश्वास नहीं होता कि आप चले गए हैं. मेरे सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है. आप ही क्यों? मेरे पति एक गौरवान्वित भारतीय थे और मैं उन्हें सुबह की चाय के साथ राष्ट्र की सेवा करने के लिए भेजना पसंद करती थी और सिर ऊंचा रखती थी. प्रत्येक सैनिक की पत्नी को जीवन में सबसे बड़ा डर तब होता है जब उसके पति को लड़ाई पर बुलाया जाता है. मुझे भी यह डर था. कई बार मैं इस तरह के बुरे सपने देखने के बाद रोते हुए जाग गई, लेकिन समीर ने मुझे पकड़ लिया, मुझे सांत्वना दी और मुझे समझाया कि उसकी नौकरी का एक ही उद्देश्य है 'देश की सेवा,' बुलावा आने पर देश की सेवा के लिए तत्पर रहना ही पड़ता है. वे चाहते थे कि मैं उन्ही की तरह बहादुर रहूं जैसा कि एक सैनिक होता है.

 

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I am Garima Abrol…..I am the wife of Martyr Squadron Leader Samir Abrol….whose tears are still not dry…It still hasn’t sunk in that you are gone. No one has the answer to my questions. Why YOU ? My husband was a proud Indian and i loved sending him off to serve the nation with a morning cup of tea and a head held high. Every soldier’s wife’s biggest fear in life is when her husband would be called to the front line and serve in an active war. I too had this fear. Many a times I woke up crying after having one such bad dream…But Samir would hold me, console me and tell me…that is the ultimate purpose of his job…to be able to serve our nation when the call comes…He wanted me to be brave, as that’s what he was, a brave soldier, patriot to the core. Such is the job of a soldier…it does not bring you fame…no one cries when you leave but the family…It does not make you a celebrity…the media covers it for a day and drops it just like they have done for the pilots who have met the same untimely fate before Samir…Then everyone forgets about it. How many more of these pilots have to give up their life to shake you up and make you realise there is something really wrong in the system? A pilot is not made in a day, it takes a decade of training for their souls to get molded for the job…How many fighters have to give up their life for you to wake up? I do not want any other sister of the Armed Force family to suffer the pain that I am going through. Words can’t describe how painful it is out here alone without my better half, my BATMAN. I need answers... Whilst its just another story and incident for some, i will keep fighting for the cause that took you away from me. #lostpilots

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यह एक सैनिक का काम है, यह आपको प्रसिद्धि नहीं दिलाता है, जब आप दुनिया छोड़ते हैं तो कोई नहीं रोता है लेकिन परिवार रोता है. यह आपको एक सेलिब्रिटी नहीं बनाता है... मीडिया इसे एक दिन के लिए कवर करता है और इसे वैसे ही छोड़ देता है जैसे उन्होंने समीर से पहले शहीद हुए पायलटों के साथ किया. फिर हर कोई इसके बारे में भूल जाता है. कितने सारे पायलट हैं जिन्होंने ये समझाने के लिए अपनी जान दे दी कि वाकई सिस्टम में कुछ गड़बड़ है? पायलट एक दिन में नहीं बना जाता. अपनी आत्मा को अपनी नौकरी में ढालने के लिए उन्हें दस साल का वक्त लगता है. आप लोगों को जिन्दा रखने के लिए सैनिकों को अपनी जान देनी पड़ती है. मैं नहीं चाहती कि सशस्त्र बल परिवार की कोई और बहन इस पीड़ा से गुजरे जिस पीड़ा से मैं गुजर रही हूं. मैं ये बता भी नहीं सकती कि मेरे पति मेरे बैटमैन के बिना जिंदगी कितनी मुश्किल है. मुहे जवाब चाहिए, मैं तब तक लड़ती रहूंगी जब तक मुझे उस कारण का पता नहीं चल जाता जिसकी वजह से आप मुझसे दूर चले गए.