पटना: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के आवास पर सोमवार को CBI की टीम पहुंची. सीबीआई राबड़ी देवी से पूछताछ कर रही है. जांच एजेंसी IRCTC घोटाला यानी जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में पूर्व सीएम से पूछताछ कर रही है. इससे पहले IRCTC घोटाला मामले में कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती सहित 14 आरोपियों को समन जारी कर 15 मार्च को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है. 15 मार्च को कोर्ट सभी आरोपियों से पूछताछ शुरू करेगा और उसके बाद आरोप तय किए जाएंगे. बिहार में महिलाओं और बच्चों में ‘एनीमिया’ की अधिक दर चिंता का विषय: तेजस्वी यादव.
सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में अपने आरोप पत्र में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी, बेटी, मध्य रेलवे के तत्कालीन जीएम, तत्कालीन मुख्य कार्मिक अधिकारी (CPO), निजी व्यक्तियों और मामले में कुछ उम्मीदवारों सहित 16 आरोपियों को नामजद किया था. सीबीआई ने कहा था कि जांच के दौरान यह पाया गया है कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले में अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया था.
जमीन के बदले रेलवे में नौकरी
Bihar | A CBI team present at the residence of former CM Rabri Devi in Patna, officials inside her house confirm. Details awaited.
Visuals from outside her residence. pic.twitter.com/dEb74nrEZi
— ANI (@ANI) March 6, 2023
लैंड फॉर जॉब स्कैम
लैंड फॉर जॉब स्कैम 14 साल पुराना है. ये घोटाला उस समय का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थी. आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी. लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया.
सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया है, उम्मीदवारों ने गलत टीसी का इस्तेमाल किया है और रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा किए हैं. सीबीआई को जांच के दौरान पता चला है कि लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी हेमा यादव को नौकरी चाहने वालों द्वारा नौकरी घोटाले के लिए भूमि के संबंध में जमीन उपहार में दी गई थी.
सीबीआई का कहना है कि इस मामले में पटना में 1,05,292 फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी. सीबीआई ने कहा कि रेलवे में भर्ती के लिए विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था. फिर भी जो पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में सब्स्टिटूट के रूप में नियुक्त किया गया था.