कोलकाता, 28 दिसंबर : विभिन्न क्षेत्रों के बुद्धिजीवियों ने रविवार को विश्व भारती विश्वविद्यालय की जमीन पर कथित अवैध कब्जे के मामले में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन (Amartya Sen) के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए आयोजित विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया. साथ ही बुद्धिजीवियों ने केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा सेन के साथ किए गए व्यवहार को ''तानाशाही एवं निरंकुश'' करार दिया. इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाने के लिए कवि जॉय गोस्वामी (Joey Goswami) एवं सुबोध सरकार, गायक कबीर सुमन (Kabir Suman), चित्रकार जोगेन चौधरी (Jogen Chaudhary) और रंगमंच से राजनीति में आए ब्रत्या बसु समेत अन्य कई हस्तियां ललित कला अकादमी के परिसर में एकत्र हुईं.
इन लोगों ने नारे लिखी तख्तियां थामी हुई थीं, जिन पर लिखा था, '' भाजपा द्वारा बंगालियों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे, अमर्त्य सेन का अपमान बंगालियों का अपमान है.'' गोस्वामी ने कहा, '' मैं अमर्त्य सेन जैसी शख्सियत के साथ किए गए विश्व भारती के तानाशाही एवं निरंकुश व्यवहार का विरोध करता हूं. हम यहां अपना विरोध दर्ज कराने एवं सेन के प्रति समर्थन प्रदर्शित करने एकत्र हुए हैं.'' यह भी पढ़ें : Kolkata: लोगों ने सभी के लिए ट्रेन सेवाओं की मांग के लिए किया आंदोलन, रेलवे ट्रैक किया ब्लॉक
बसु ने आरोप लगाया कि भाजपा हमेशा से स्वतंत्र विचार व्यक्त करने वालों को निशाना बनाती है. उल्लेखनीय है कि मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि विश्व भारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती परिसर में पट्टे की जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने की व्यवस्था करने में व्यस्त हैं और सेन नाम भी कब्जा करने वालों की सूची में रखा गया है. सेन ने कहा है कि शांति निकेतन में उनके अधिकार वाली जमीन रिकॉर्ड में दर्ज है और पूरी तरह से लंबी अवधि के लिए पट्टे पर है.