जयपुर, 12 जून : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शनिवार को उनके सरकारी आवास पर हुई राजस्थान कैबिनेट की बैठक में जैसलमेर जिले के बांधा गांव में अदाणी को 2,397.54 हेक्टेयर सरकारी जमीन का आवंटन समेत कई अहम फैसले लिए गए. रिन्यूएबल एनर्जी होल्डिंग फोर लिमिटेड पर 1,000 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना की लागत आएगी. यह आवंटन राजस्थान भू-राजस्व (नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर आधारित विद्युत संयंत्र की स्थापना हेतु भूमि आवंटन) नियम-2007 के अंतर्गत किया जाएगा. सौर ऊर्जा आधारित उत्पादन इकाइयों की स्थापना से राज्य में बिजली उत्पादन में वृद्धि होगी. इसके अलावा, स्थानीय रोजगार के अवसरों और राज्य की राजस्व कमाई में वृद्धि होगी. उल्लेखनीय है कि लगभग 13,000 मेगावाट सौर ऊर्जा की क्षमता स्थापित कर राजस्थान देश में पहले स्थान पर है.
वहीं, सौर ऊर्जा नीति 2019 के तहत वर्ष 2024-25 तक 30,000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए मौजूदा सरकार ने कैबिनेट की मंजूरी से सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए करीब 16,000 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है. मंत्रिमंडल ने 'राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य भविष्य निधि नियम, 2021' में संशोधन करने का भी निर्णय लिया. यह भी पढ़ें : भदोही में नूपुर शर्मा के समर्थन में जुलूस, धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज
इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य भविष्य निधि नियम, 2021 के प्रावधान 01-01-2004 को और उसके बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों पर लागू होंगे. ये कार्मिक अब जीपीएफ के दायरे में उसी तर्ज पर आएंगे, जिस तरह से 01-01-2004 से पहले नियुक्त कर्मचारी जीपीएफ के प्रावधानों के तहत निर्धारित जीपीएफ राशि की कटौती कर रहे हैं.