Kumar Vishwas on Kejriwal: CM केजरीवाल की गिरफ्तारी पर विश्‍वास बोले- जस को तस, सीएम के समर्थन में राहुल, खड़गे

नई दिल्ली, 22 मार्च : दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गुरुवार को गिरफ्तारी के बाद कभी आम आदमी पार्टी में केजरीवाल के सबसे निकटतम सहयोगी रहे कवि कुमार विश्‍वास ने ट्वीट किया, "कर्म प्रधान विश्‍व रचि राखा. जो जस करहि सो तस फल चाखा." *रामचरित मानस की यह चौपाई कर्म का महत्व बताती है.

कुमार विश्‍वास ने जिस चौपाई का उल्लेख किया, उसका अर्थ है कि यह जगत, यह विश्‍व कर्म प्रधान है, जो व्यक्ति जैसा करता है उसे वैसे ही फल की प्राप्ति होती है. अगर आपने कर्म अच्छा किया है तो उसका शुभ फल आपको हर हाल में मिलेगा, लेकिन अगर आपके कर्म बुरे हैं तो उसके बुरे परिणामों से भी आप स्वयं को बचाकर नहीं रख सकते. यह भी पढ़ें : Delhi Excise Policy Case: आरोपी के सरकारी गवाह बनने से लेकर केजरीवाल की गिरफ्तारी तक

इस चौपाई के माध्यम से कुमार विश्‍वास ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को उनके कर्मों का फल बताया. वहीं, केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल को अपना समर्थन दिया है. गिरफ्तारी पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "डरा हुआ तानाशाह, एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है. मीडिया समेत सभी संस्थाओं पर कब्ज़ा, पार्टियों को तोड़ना, कंपनियों से हफ्ता वसूली, मुख्य विपक्षी दल का अकाउंट फ्रीज़ करना भी ‘आसुरी शक्ति’ के लिए कम था, तो अब चुने हुए मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है. इंडिया इसका मुंहतोड़ जवाब देगा."

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "रोज जीत का झूठा दंभ भरने वाली अहंकारी भाजपा, विपक्ष को हर तरह से चुनाव के पहले गैरक़ानूनी तरीक़े से कमजोर करने की कोशिश कर रही है. अगर सच में जीत का भरोसा होता तो संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके मुख्य विपक्षी दल - कांग्रेस पार्टी का अकाउंट फ्रीज नहीं किया जाता. विपक्षी पार्टियों के नेताओं को ठीक चुनाव से पहले निशाना नहीं बनाया जाता. सच यह है कि भाजपा आने वाले चुनाव परिणाम से पहले ही डर गई है और बौखलाहट में विपक्ष के लिए हर तरह की मुश्किलें पैदा कर रही है."

वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कहा, "जो ख़ुद हैं शिकस्त के ख़ौफ़ में क़ैद, ‘वो’ क्या करेंगे किसी और को क़ैद. भाजपा जानती है कि वो फिर तिबारा सत्ता में नहीं आनेवाली, इसी डर से वो चुनाव के समय विपक्ष के नेताओं को किसी भी तरह से जनता से दूर करना चाहती है, गिरफ़्तारी तो बस बहाना है. ये गिरफ़्तारी एक नई जन-क्रांति को जन्म देगी."