
Jaisalmer Haunted Village Kuldhara: राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित कुलधरा गांव अपनी रहस्यमयी और भूतिया कहानियों की वजह से दुनियाभर में प्रसिद्ध है. यह गांव पिछले करीब 200 सालों से वीरान पड़ा है और इसे "भूतिया गाँव" (Haunted Village) के नाम से भी जाना जाता है. आज यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित एक पर्यटन स्थल है, लेकिन इसकी प्रसिद्धि के पीछे एक दुखद और रहस्यमयी कहानी है.
कुलधरा के प्रसिद्ध होने के मुख्य कारण यहां दिए गए हैं:
1. एक रात में खाली हो गया था पूरा गांव
लगभग 13वीं शताब्दी में पालीवाल ब्राह्मणों ने इस गांव को बसाया था. ये लोग बहुत मेहनती और समृद्ध थे. लेकिन कहा जाता है कि 19वीं सदी की एक रात को कुलधरा और इसके आस-पास के 83 गाँवों के सभी निवासी अचानक कहीं गायब हो गए. उन्होंने अपना घर-बार, सब कुछ वहीं छोड़ दिया और चले गए. वे कहाँ और क्यों गए, यह आज भी एक रहस्य है.
2. दीवान सालम सिंह का अत्याचार और गांव वालों का स्वाभिमान
सबसे प्रचलित कहानी के अनुसार, जैसलमेर रियासत का दीवान सालम सिंह बहुत क्रूर और अय्याश था. उसकी बुरी नजर गांव के मुखिया की खूबसूरत बेटी पर पड़ गई. सालम सिंह ने गाँव वालों को धमकी दी कि अगर उन्होंने उस लड़की की शादी उससे नहीं कराई, तो वह गांव पर हमला करके उसे तबाह कर देगा और लड़की को जबरदस्ती उठा ले जाएगा.
अपने समुदाय और उस लड़की के सम्मान की रक्षा के लिए, पालीवाल ब्राह्मणों की पंचायत ने एक कठोर फैसला लिया. उन्होंने रियासत में रहने के बजाय गांव छोड़ने का निश्चय किया. एक ही रात में, हजारों पालीवाल ब्राह्मण अपने घर और संपत्ति को छोड़कर हमेशा के लिए वहाँ से चले गए.
3. गांव को दिया गया श्राप
माना जाता है कि गांव छोड़ते समय पालीवाल ब्राह्मणों ने कुलधरा को यह श्राप दिया कि यहां भविष्य में कभी कोई बस नहीं पाएगा. कहा जाता है कि जो कोई भी इस गांव में बसने की कोशिश करेगा, वह बर्बाद हो जाएगा. इस श्राप के डर से आज तक कोई भी परिवार इस गांव में स्थायी रूप से नहीं रह पाया है.
4. भूतिया और paranomal गतिविधियां
कुलधरा को भारत की सबसे डरावनी जगहों में से एक माना जाता है. यहां आने वाले कई पर्यटकों और paranomal विशेषज्ञों ने अजीबोगरीब घटनाओं का अनुभव किया है, जैसे:
- अचानक तापमान का गिर जाना.
- अजीब आवाजें, जैसे किसी के चलने, बात करने या चूड़ियों के खनकने की आवाज सुनाई देना.
- गाड़ियों पर बच्चों के हाथ के निशान मिलना.
- यह महसूस होना कि कोई आस-पास है, जबकि वहां कोई नहीं होता.
इन्हीं कारणों से, सूर्यास्त के बाद इस गांव में रुकने की इजाजत नहीं है.
आज कुलधरा एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. दिन के उजाले में हजारों पर्यटक इसके खंडहर हो चुके घरों, गलियों और मंदिरों को देखने आते हैं और उस रहस्य को महसूस करने की कोशिश करते हैं जो इसकी हवाओं में आज भी मौजूद है.