Kisan Andoland: किसानों ने संसद का घेराव कर दिया है. दरअसल, मानसून सत्र के बीच कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने दिल्ली स्थित जंतर-मंतर (Farmers Protest Jantar Mantar New Delhi) अपनी किसान संसद शुरू कर दी है. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए इलाके में पुलिस के साथ-साथ अर्द्धसैनिक बलों (Delhi Police) की भी तैनाती की गई है. वहीं इससे पहले पुलिस सुरक्षा के साथ करीब 200 किसानों का एक समूह बसों में सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर पहुंचा.
किसान संसद में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर भी
जंतर-मंतर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने किसान संसद में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर भी रखे हैं. किसान नेता हनन मुल्ला स्पीकर तो मनजीत सिंह डिप्टी स्पीकर बनाए गए हैं. यहां सभी किसान बारी-बारी से अपनी बात किसान संसद में रख रहे हैं.
ढाई घंटे तक सड़कों पर घुमाती रही पुलिस
इस बीच किसानों ने दिल्ली पुलिस आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर पहुंचने में देरी करा दी और किसानों को करीब ढाई घंटे तक दिल्ली की सड़कों पर घुमाती रही. किसान नेता राकेश टिकैत भी जंतर मंतर पर मौजूद हैं. ये किसान आज से रोजाना संसद मार्च करेंगे और हर रोज रूटीन किसान संसद चलेगी.
किसानों के समर्थन में विपक्ष का भी हल्ला बोल
किसानों के समर्थन में कृषि कानून वापस लेने की मांग करते हुए संसद परिसर में कांग्रेस सांसदों ने राहुल गांधी की अगुवाई में संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया. इसमें राहुल गांधी सहित अधीर रंजन चौधरी,मनीष तिवारी, गौरव गोगोई, रवनीत बिट्टू, प्रताप सिंह बाजवा और कई अन्य नेता शामिल हुए. कांग्रेस सांसदों ने ‘काले कानून वापस लो’ और ‘प्रधानमंत्री न्याय करो’ के नारे लगाए.
आप सांसद भगवंत मान की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी से लोकसभा सांसद भगवंत मान ने इस मामले में कहा कि, ‘कृषि कानूनों के वापस लेने के सिवा और कोई विकल्प नहीं है. नरेंद्र सिंह तोमर बयान देते हैं कि हम किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, बस वे तीन कानूनों को वापस लेने की बात न करें. तो फिर और क्या बात करें? सरकार ने क्या कहा है?’’
किसान मूूर्ख नहीं
किसानों के इस प्रदर्शन के दौरान स्वराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव भी उनसे मिलने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि, किसान जंतर-मंतर पर सरकार को यह दिखाने के लिए आए हैं कि वे मूर्ख नहीं हैं, ब्रिटेन की संसद हमारे मुद्दों पर बहस कर रही है, लेकिन हमारी सरकार नहीं.
गौरतलब है कि दिल्ली से लगे टिकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले साल नवंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए. हालांकि सरकार का कहना है कि ये कानून किसान हितैषी हैं. सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही है.