केरल: वायनाड की आदिवासी लड़की सिविल सेवा परीक्षा 2018 में हुई सफल, राहुल गांधी ने दी श्रीधन्य सुरेश को बधाई

केरल के वायनाड में रहने वाली श्रीधन्य इस परीक्षा में कामयाबी पाने वाली राज्य की आदिवासी समुदाय की पहली महिला बन गई हैं और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें बधाई दी है.

श्रीधन्य सुरेश (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Congress President Rahul Gandhi) ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा-2018 (Civil Cervices Exam 2018) में सफलता हासिल करने वाली 26 वर्षीय श्रीधन्य सुरेश (Sreedhanya Suresh) को बधाई दी है. केरल (Kerala) के वायनाड (Wayanad) में रहने वाली श्रीधन्य इस परीक्षा में कामयाबी पाने वाली राज्य की आदिवासी समुदाय की पहली महिला बन गई हैं. बता दें कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के अमेठी के अलावा केरल के वायनाड से भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में उन्होंने श्रीधन्य की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए उन्हें बधाई दी है.

शनिवार को ट्वीट कर राहुल ने कहा- वायनाड की श्रीधन्य सुरेश सिविल सेवा में सफलता पाने वाली केरल की पहली आदिवासी लड़की हैं. श्रीधन्य की कड़ी मेहनत और समर्पण की वजह से ही उनका ये सपना साकार हो पाया है. मैं श्रीधन्य और उनके परिवार को बधाई देता हूं. इसके साथ ही उनके चुने हुए करियर के लिए भी उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.

सिविल सेवा परीक्षा 2018 में श्रीधन्य ने 410वीं रैंक हासिल की है. कुरिचिया जनजाति से ताल्लुक रखने वाली श्रीधन्य के पिता सुरेश और मां कमला दिहाड़ी मजदूर हैं. अपनी बेटी की इस कामयाबी पर उनके माता-पिता की खुशी का जैसे कोई ठिकाना ही नहीं है. उनकी मां कमला का कहना है कि हमारी खुशी आसमान पर है... हमने उसकी पढ़ाई में किसी तरह की कोई रुकावट न आए इसके लिए काफी प्रयास किए और अब उसकी मेहनत का फल उसे मिला है. यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2019: हरिद्वार में राहुल गांधी ने साधा पीएम मोदी पर निशाना, बोले- आडवाणी जी को स्टेज से लात मारकर उतारा

दरअसल, श्रीधन्य सुरेश उन 29 केरल वासियों में से हैं, जिन्होंने ये परीक्षा पास की है. आर श्रीलश्र्मी (रैंक 29), रंजना मैरी वर्गीस (रैंक 49) और अर्जुन मोहन (रैंक 66) उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने तटीय राज्य से परीक्षा पास की है. गौरतलब है कि घोषित किए गए 759 रैंकों में से 577 रैंक पर पुरुषों ने जबकि 182 रैंक पर महिलाओं ने सफलता हासिल की है.

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