केरल नीट इनरवियर विवाद: पुलिस ने 2 और आरोपियों को किया गिरफ्तार
प्रतीकात्मक तस्वीर (फ़ाइल फोटो)

तिरुवनंतपुरम, 21 जुलाई : नीट यूजी 2022 के दौरान केरल में छात्राओं को अपने इनरवियर उतारने के लिए मजबूर करने वाले दो और आरोपियों को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में अब तक 7 लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं. गिरफ्तार आरोपियों में मार्च थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ आईटी के वाइस प्रिंसिपल और नीट परीक्षा के केंद्र अधीक्षक प्रीजी कुरियन इसाक और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के पर्यवेक्षक डॉ. शामनाद शामिल है. इससे पहले, कॉलेज की दो महिला स्टाफ सदस्यों और परीक्षण एजेंसी स्टार ट्रेनिंग अकादमी की तीन अन्य को मामले के संबंध में गिरफ्तार किया गया था.

उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल) और धारा 509 (शब्द, हावभाव, या किसी महिला के शील का अपमान करने का इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया है. जाहिर है, एनटीए, जो नीट परीक्षा का संचालन करती है. उन्होंने तिरुवनंतपुरम में एक प्राइवेट एजेंसी को कॉन्ट्रैक्ट दिया था. छात्रों के अनुसार, एजेंसी द्वारा नियोजित 10 अप्रशिक्षित कर्मी घटना में शामिल थे. घटना के बाद राजनीतिक दलों के छात्र संगठनों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया. सोमवार को, उम्मीदवारों के माता-पिता ने इसे 'पूरी तरह से अस्वीकार्य' करार दिया और कहा कि उसके पास शिकायत दर्ज करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था. यह भी पढ़ें : गोवा : पर्यटकों को जल्द मिल सकती है समुद्र तट से दफ्तर का काम करने की सुविधा

उन्होंने कहा, "हमने दोपहर करीब 12 बजे अपनी बेटी को परीक्षा केंद्र पर छोड़ा और बाद में परीक्षा अधिकारियों ने उससे शॉल ओढ़ने को कहा. परीक्षा के बाद उसने हमें बताया कि उसके इनरवियर में धातु का बटन था, इसलिए उससे और कई छात्राओं से जबरन इनरवियर उतरवाया गया. जिस कॉलेज में परीक्षा हुई थी, उसके प्रशासन ने कहा कि इस मामले में उसकी कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि ये काम एक एजेंसी द्वारा किया गया है." माता-पिता ने कहा कि जिन उम्मीदवारों को इस तरह के अपमान से गुजरना पड़ा, वे तनाव में थे. इस असंवेदनशील व्यवहार के कारण वह परीक्षा में अच्छी तरह नहीं लिख पाए.