HC On Temple-Politics: 'मंदिरों का इस्तेमाल राजनीति के लिए नहीं किया जा सकता', हाईकोर्ट ने भगवा झंडे लगाने की याचिका खारिज की

HC On Temple-Politics: केरल उच्च न्यायालय ने हाल ही में उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें मुथुपिलक्कडु श्री पार्थसारथी मंदिर के परिसर में भगवा झंडे लगाने की अनुमति मांगी गई थी. न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन वी ने कहा कि राजनीतिक वर्चस्व के लिए पवित्र मंदिर का उपयोग करना गलत है. इस मामले में कुछ राजनीतिक दलों से जुड़े झंडों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा 'मंदिर आध्यात्मिक सांत्वना और शांति के प्रतीक के रूप में खड़े हैं, उनकी पवित्रता और श्रद्धा सर्वोपरि है. ऐसे पवित्र आध्यात्मिक आधारों को राजनीतिक चालबाज़ी या एक-अधिकार के प्रयासों से कम नहीं किया जाना चाहिए. ...याचिकाकर्ताओं के कार्य और इरादे स्पष्ट हैं यह मंदिर में बनाए रखे जाने वाले शांत और पवित्र वातावरण के विपरीत है.' HC on Section 498A IPC: धारा 498ए के दुरुपयोग पर झारखंड हाई कोर्ट ने जताई चिंता, पत्नियां कर रही हैं झूठे केस

याचिका दो व्यक्तियों द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने मुथुपिलक्कडु श्री पार्थसारथी मंदिर के भक्त होने का दावा किया था. 2022 में, उन्होंने कथित तौर पर मंदिर और उसके भक्तों के कल्याण के उद्देश्य से "पार्थसारथी बक्थजनसमिति" नामक एक संगठन का गठन किया.

उन्होंने तर्क दिया कि विशेष अवसरों और त्योहारों के दौरान मंदिर परिसरों पर भगवा झंडे लगाने के उनके प्रयासों को प्रतिवादियों ने हमेशा विफल कर दिया, जिन्होंने कथित तौर पर अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया.

इसलिए, उन्होंने अदालत से पुलिस को उन्हें सुरक्षा देने का निर्देश देने की मांग की ताकि उन्हें झंडे लगाने से रोका न जा सके. याचिका का विरोध करते हुए, सरकारी वकील ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ताओं को एक निश्चित राजनीतिक दल से जुड़े झंडों और उत्सवों से मंदिर को सजाने की अनुमति देना मंदिर को राजनीतिक वर्चस्व के लिए युद्ध के मैदान के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति देने के समान होगा.

उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं के कार्यों के कारण मंदिर परिसर में कई झड़पें हुई हैं, जिनमें से एक कई आपराधिक मामलों में शामिल है. इसके अलावा, मंदिर की प्रशासनिक समिति ने एक प्रस्ताव पारित कर कनिक्कावांची के 100 मीटर के दायरे में किसी भी राजनीतिक दल या संगठन के झंडे, बैनर आदि लगाने पर रोक लगा दी है.

सरकारी वकील ने उच्च न्यायालय का 2020 का एक फैसला भी प्रस्तुत किया जिसमें पुलिस को मंदिर परिसर से ऐसे सभी प्रतिष्ठानों को हटाने का आदेश दिया गया था. प्रतिद्वंद्वी दलीलों पर विचार करने के बाद कोर्ट ने अंततः याचिका खारिज कर दी.