बेंगलुरु में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मामले के मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश और उसके परिवार के सदस्यों को हिरासत में लिया है. उसके अलावा संदीप नायर को भी गिरफ्तार किया गया है. एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक स्वप्ना सुरेश को कल कोच्चि में एनआईए कार्यालय में पेश किया जाएगा. इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी स्वप्ना सुरेश सहित चार लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज किया था. जबकि अपनी सफाई में संदिग्ध स्वप्ना सुरेश ने एक ऑडियो संदेश के जरिए इस मामले में कहा था कि इस मामले में उसकी कोई भूमिका नहीं है. वहीं इस मामले को लेकर विपक्ष ने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन (Chief Minister Pinarayi Vijayan) पर चौतरफा हमला कर दिया है. बीजेपी और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
वहीं जैसे ही मामला तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी आईएस अधिकारी एम शिवशंकर का घोटाले में नाम आने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया है. दरअसल तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीमा शुल्क अधिकारियों ने रविवार को 30 किलोग्राम सोना बरामद किया था. इस सोने को राजनयिक सामान में रखकर राज्य में तस्करी कर लाने का प्रयास किया जा रहा था. वहीं इस मामले में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के वाणिज्य दूतावास के एक पूर्व कर्मचारी को हिरासत में लिया गया था. पकड़े गए शख्स का नाम सरित बताया गया और लगभग एक साल से हवाईअड्डे से इस तरह का सामान ले जा रहा था. यह भी पढ़ें:- केरल सोना तस्करी मामाल: सीएम पिनाराई विजयन के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का हंगामा, मांगा इस्तीफा.
ANI का ट्वीट:-
#KeralaGoldScandal case: Swapna Suresh, the key suspect, along with her family members, taken in custody by NIA (National Investigation Agency) in Bengaluru. Swapna Suresh will be produced in NIA office in Kochi tomorrow. pic.twitter.com/tCwhNuZMne
— ANI (@ANI) July 11, 2020
जांच के दौरान सरित ने स्वप्ना सुरेश का नाम लिया था. लेकिन जैसे जांच के लिए पुलिस की टीम पहुंची तो पता चला कि स्वप्ना सुरेश के दिन पहले से ही लापता हैं. बता दें कि सोशल मीडिया स्वप्ना के उन तस्वीरों से भरा पड़ा है, जिसमें वह विजयन, और माकपा के अन्य शीर्ष नेताओं के साथ दिखाई दे रही है. इसमें केरल विधानसभा के अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन भी शामिल हैं. इन तस्वीरों ने इसे सियासी रंग दे दिया और राज्य की सरकार के खिलाफ विरोधी दलों ने मोर्चा खोल दिया.