केरल: कोरोना (Coronavirus) के इस दौर में मुंह पर मास्क (Mask) पहनकर किसी दूसरे से बात करने में काफी दिक्कत होती है. कोविड वार्ड्स (Covid), आईसीयू वार्ड्स (ICU) में डॉक्टर्स और हेल्थकेयर स्टाफ (Healthcare Staff) को भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है जब उन्हें बात समझाने के लिए ऊंची आवाज में बोलना पड़ता है. ऐसे में केरल (Kerala) के त्रिशूर गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के बीटेक फर्स्ट ईयर के छात्र केविन जैकब (Kevin Jacob) ने एक ऐसा मास्क डिजाइन किया है, जिसमें एक माइक और एक स्पीकर लगा हुआ है. इस समय में रोज नए नए आविष्कार देखने को मिले हैं. Corona Pandemic: आईएमए का दावा, कोरोना की दूसरी लहर ने 420 डॉक्टरों की जान ली
केविन जैकब ने बताया कि उसे ये विचार तब आया जब उसने अपने डॉक्टर माता-पिता को मरीजों के साथ बातचीत करते समय कठिनाइयों का सामना करते देखा. केविन ने कहा कि मेरे माता-पिता डॉक्टर हैं और कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से ही वो अपने मरीजों के साथ बातचीत करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. अब इस मास्क के जरिए डॉक्टरों को अपने मरीजों से संवाद करने में आसानी होगी. केविन ने कहा कि उसके माता-पिता डॉक्टर हैं और उन्हें कोरोना वायरस की शुरुआत के बाद से अपने मरीजों के साथ संवाद करने में समस्या आ रही है.
Kerala | Kevin Jacob, a first year B Tech student from Thrissur, has designed a mask with a mic & speaker attached to ease communication amid pandemic
"My parents are doctors & they've been struggling to communicate with their patients since the onset of COVID," he said (23.05) pic.twitter.com/pnvkhzZETt
— ANI (@ANI) May 23, 2021
बता दें कि इस मास्क को चार्ज किया जा सकता है. इसे तीस मिनट चार्ज करने पर चार से छह घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है और ये चुंबक का उपयोग करके मास्क से जुड़ा होता है. इसका इस्तेमाल करने वाले डॉक्टर्स ने इसे सही बताया है. साथ ही कहा कि उन्हें सुनने के लिए जोर लगाने की जरूरत नहीं है और वो अपने मरीजों के साथ आसानी से संवाद करने में सक्षम है. ये डिवाइस माइक्रोफोन और एम्पलीफॉयर (स्पीकर) से लैस है. केविन ने इस डिवाइस को 3D प्रिंटर तकनीक की की मदद से बनाया. केविन ने 60 से अधिक डिवाइस बना लिया है. तिरुवनंतपुरम और कोझिकोड जैसे शहरों में केविन की डिवाइस का इस्तेमाल किया जा रहा है.