तिरुवनंतपुरम, 13 अगस्त : कांग्रेस नीत विपक्ष ने लगातार दूसरे दिन केरल विधानसभा में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से सोने की तस्करी मामले में सामने आए ताजा खुलासे पर अपनी चुप्पी तोड़ने की मांग करते हुए शुक्रवार को हंगामा किया जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो गई. मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश ने आरोप लगाया था कि विजयन को विदेशी मुद्रा का एक पैकेट तब भेजा गया था जब वह 2017 में अपने महावाणिज्य दूत के कार्यालय के एक राजनयिक के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर थे. प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा से बाहर निकलने के बाद, विपक्षी विधायकों ने डॉलर मामले के खुलासे में विजयन की 'घोर चुप्पी' के लिए नारेबाजी करते हुए मुख्य द्वार के सामने धरना दिया.
नारेबाजी करते हुए विधायक विधानसभा के मुख्य द्वार पर आ गए और गुरुवार की तरह जब उन्होंने विधानसभा का मॉक सत्र किया तो शुक्रवार को लाइन लगाकर दीवार खड़ी कर दी. सभी विधायकों ने हाथ जोड़कर इसे 'भ्रष्टाचार की दीवार' करार दिया. विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने कहा कि विजयन को डॉलर तस्करी मामले में उसकी भूमिका में रंगे हाथों पकड़ा गया है, लेकिन वह चुप हो गया है. सतीसन ने कहा, "राज्य के लोग सुनना चाहते हैं कि उनका क्या कहना है. यही विजयन हैं जिन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमन चांडी के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई थी. जब सौर घोटाला में महिला ने आरोप लगाया तो विजयन ने चांडी और अन्य के खिलाफ मामले दर्ज किए. अगर उन्होंने ऐसा किया तो वहीं डॉलर मामले की आरोपी स्वप्ना सुरेश द्वारा लगाए गए आरोपों में आज वह रंगेहाथ पकड़ा गया है." यह भी पढ़ें : जल्द शादी के बंधन में बधने वाला है यह आईपीएल स्टार भारतीय खिलाड़ी, राजस्थान रॉयल्स ने दी शुभकामनाएं
सतीसन ने कहा, "मामला दर्ज करना भूल जाइए, विजयन जो कुछ उठाया गया है उसका जवाब देने को भी तैयार नहीं है. हमने अब से विधानसभा के बाहर विजयन के खिलाफ अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया है." शुक्रवार को मौजूदा विधानसभा सत्र का आखिरी दिन था. बुधवार को सीमा शुल्क विभाग द्वारा 29 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी होने के बाद से कांग्रेस नीत विपक्ष उत्साहित है. नोटिस में, यह उल्लेख किया गया था कि स्वप्न सुरेश का कहना है कि एम. शिवशंकर (विजयन के तत्कालीन सचिव) ने उन्हें फोन किया और कहा कि एक बहुत ही महत्वपूर्ण पैकेट था जिसे यूएई को मुख्यमंत्री को भेजा जाना था, जो पिछले दिन यूएई पहुंचे थे. सरिथ ने पैकेट इक्ठ्ठा किया और राजनयिक अहमद अल दौखी को यूएई ले जाने के लिए दिया. सरिथ ने उसे अनौपचारिक रूप से सूचित किया कि वह उक्त पैकेट को एक्स-रे मशीन में स्क्रीनिंग के लिए वाणिज्य दूतावास में लाए और पैकेट में मुद्रा थी. इसके बाद से, विजयन चुप हो गए हैं क्योंकि इस मामले में विपक्ष के तेवर बेहद तीखे हैं.