Kawasaki Syndrome in India: कोरोना संकट के बीच देश में 'कावासाकी' बीमारी ने दी दस्तक, तमिलनाडु में 8 साल के बच्चे में मिले लक्षण
कोरोना माहामारी संकट के बीच देश में एक और दुर्लभ बीमारी ने दस्तक दी है. यूरोपीय देशों में कई बच्चों की जान ले चुकी कावासाकी बीमारी के लक्षण तमिलनाडु में एक बच्चे में दिखाई दिए. चेन्नई के एक आठ साल के बच्चे में इसके लक्षण दिखे हैं.
कोरोना माहामारी संकट (Coronavirus Pandemic) के बीच देश में एक और दुर्लभ बीमारी ने दस्तक दी है. यूरोपीय देशों में कई बच्चों की जान ले चुकी कावासाकी बीमारी (Kawasaki Disease) के लक्षण तमिलनाडु (Tamil Nadu) में एक बच्चे में दिखाई दिए. चेन्नई (Chennai) के एक आठ साल के बच्चे में इसके लक्षण दिखे हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में यह हाइपर-इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम का पहला मामला है जो कोरोना वायरस या COVID-19 से जुड़ा है. संक्रमण के कारणों का अभी पता नहीं चला है.
HT रिपोर्ट ने आगे बताया कि COVID-19 पॉजिटिव पाए गए बच्चे की हालत गंभीर थी और उसे चेन्नई के कांची कामकोटि चाइल्ड्स ट्रस्ट अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने बताया कि उसे टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम और कावासाकी रोग के कारण आईसीयू में भर्ती कराया गया था, बच्चे के पूरे शरीर में सूजन आ गई और शरीर पर लाल चकत्ते पड़ गए. रिपोर्ट के मुताबिक, लड़का दो हफ्ते तक आईसीयू में रहा और पूरी तरह ठीक हो गया. यह भी पढ़ें- क्या है कोमोरबिडिटी, जिसमें है कोरोना वायरस संक्रमण का ज्यादा खतरा?
कावासाकी लक्षणों में लगातार तेज बुखार, लाल चकत्ते, फटे होंठ, लाल जीभ, सूजी हुई आंखें, हाथ और पैर और गर्दन में बढ़े हुए लिम्फ नोड्स शामिल हैं. कावासाकी बीमारी शरीर की रक्तवाहिनियों (ब्लड वेसल्स) से जुड़ी बीमारी है, जिसमें रक्तवाहिनी की दीवारों में सूजन होती है और यह सूजन दिल तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों को कमजोर कर देती है.
इस सप्ताह की शुरुआत में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस एडहोम घेब्येयियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा कि बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम COVID-19 से संबंधित हो सकता है.
यह बीमारी जीवन के लिए खतरा बन जाती है क्योंकि यह एक ही समय में शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करती है. कावासाकी सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति महत्वपूर्ण अंगों सहित पूरे शरीर में सूजन का कारण बनता है जिससे मल्टीऑर्गन फेल हो सकते हैं. ब्रिटेन में इस बीमारी के कई मामले सामने आए हैं. अप्रैल महीने के आखिर में कावासाकी बीमारी के मामलों में अचानक से तेजी देखी गई है.