धारा 370 के बाद मोदी सरकार का एक और बड़ा फैसला, 50 हजार बंद पड़े मंदिर खोलने की तैयारी, कराएगी सर्वे
गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ( फोटो क्रेडिट- ANI )

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में बंद पड़े मंदिरों और स्कूलों को लेकर एक सर्वे कराने का आदेश दिया है. इसके लिए सर्वे के लिए एक कमिटी का गठन किया है. गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी (G. Kishan Reddy) ने मीडिया से कहा कि लगभग 50 हजार ऐसे मंदिर हैं जो हो बंद हुए हैं. कई ऐसे मंदिर हैं जिसमें स्थापित नष्ट हुई हैं तो कुछ टूटे हैं. ऐसे ही मंदिरों का सरकार ने सर्वे का सर्वे का आदेश दिया है. इसके लिए सर्वे के लिए एक कमिटी का गठन किया है. बता दें कि इन मंदिरों में शोपिया में भगवान विष्णु और पहलगाम में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर का भी नाम है जो अभी बंद हैं. 1990 में इसी दिन सशस्त्र आतंकवादियों के साथ सैकड़ों प्रदर्शनकारी कश्मीर की सड़कों पर उतर आए थे और अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ नारेबाजी की जो आखिरकार घाटी से उनके पलायन का कारण बना.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने के भारत सरकार के फैसले का प्रवासी कश्मीरी पंडितों ने समर्थन किया है. संगठन 'द ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा' (JKPD) ने कहा कि वह इस बात को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए प्रधानमंत्री और भारत का स्पष्ट रूप से समर्थन करेगा कि 370 के हटने से कश्मीर में मानवाधिकारों को बढ़ावा मिलेगा. 90 के दशक की शुरुआत में आतंकवाद के चरम पर होने के दौरान इस समुदाय को कश्मीर घाटी से बाहर जाने पर मजबूर कर दिया गया था.

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गौरतलब हो कि कश्मीर में आतंकवाद जब चरम पर था, 1990 में लगभग 50 लाख कश्मीरी पंडितों को आतंकवादियों और इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा कश्मीर से बाहर कर दिया गया था. अधिकांश विस्थापितों ने जम्मू में शरण ली, जहां वे शिविरों में रहते थे और कईयों राष्ट्रीय राजधानी में भी शरण ली. 1990 के पलायन के दौरान 1,386 कश्मीरी पंडित मारे गए, 282 प्राथमिकी दर्ज की गईं और किसी को भी दोषी नहीं ठहराया गया.