चंडीगढ़ : आतंकियों पर एक और बड़ा शिकंजा कसते हुए पंजाब पुलिस ने दोबारा सक्रिय होने खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (Khalistan Zindabad Force) के मॉड्यूल का खुलासा किया है. जर्मनी से आतंकी गतिविधि चला रहे इस आतंकी गुट को पाकिस्तान से समर्थन मिल रहा है.
यह गुट पंजाब और इसके पड़ोसी राज्यों में सिलसिलेवार आतंकी हमले को अंजाम देने की साजिश रच रहा था. पुलिस ने रविवार को बताया कि छापेमारी में उसे पांच एके-47 राइफल, पिस्तौल, सैटेलाइट फोन और हथगोले समेत भारी परिमाण में हथियार बरामद हुआ है.
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पुलिस ने इस मामले में चार लोगों गिरफ्तार किया है. इनके अंतर्राष्ट्रीय संबंध और साजिश रचने वाली शाखांए होने के कारण मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मामले में आगे की जांच नेशनल इनवेस्टिंग एजेंसी (National Investment Agency) को सौंपने का फैसला लिया है, ताकि पूरी साजिश को जल्द फर्दाफाश किया जा सके.
शुरुआती जांच में सीमापार से हथियारों और कम्यूनिकेशन हार्डवेयर की डिलीवरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किए जाने का खुलासा हुआ है. मुख्यमंत्री ने पंजाब की सीमा पर दुश्मन के ड्रोन की गतिविधि पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार से भारतीय वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल को रोकथाम के जरूरी उपाय करने का निर्देश देने का आग्रह किया है.
पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने संवाददाताओं को यहां बताया कि इस बात की आशंका है कि हथियार पाकिस्तानी एस्टैबलिस्मेंट, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान समर्थित जिहादी व खालिस्तान समर्थित आतंकी गुटों द्वारा लांच किए गए ड्रोन का इस्तेमाल करके भारत-पाक सीमा से हाल ही में भेजा गया है.
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान बलवंत सिंह, अकाशदीप सिंह, हरभजन सिंह और बलबीर सिंह के रूप में की गई है. आकाश दीप और बाबला बलवंत सिंह का पुराना आपराधिक इतिहास है और उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले हैं.