कर्नाटक (Karnataka) की राजनीति के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है. आज (सोमवार) को येदियुरप्पा (Yeddyurappa) सरकार की किस्मत का फैसला होना है. चौथी बार कर्नाटक के सीएम बने येदियुरप्पा को आज विधानसभा में बहुमत साबित करना है. स्पीकर केआर रमेश कुमार (KR Ramesh Kumar) द्वारा बचे हुए 14 बागी विधायकों को अयोग्य करार देने के बाद बीजेपी के लिए बहुमत साबित करना आसान माना जा रहा है. स्पीकर सभी 17 विधायकों को अयोग्य करार दे चुके हैं.
कर्नाटक की इस सियासी जंग में सबसे बड़ा नुकसान अयोग्य करार दिए गए बागी विधायकों का ही हुआ है. बागी विधायकों ने व्यक्तिगत रूप से कहा कि वे अपनी पार्टी और बीजेपी, दोनों से ही ठगे गए. एक ओर बीजेपी ने जहां उन्हें मंत्री पद का सपना दिखाया तो इसके विपरीत स्पीकर ने उन्हें अयोग्य करार देकर पूरा खेल बिगाड़ दिया.
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कर्नाटक के सियासी ड्रामे में बागियों का नुकसान-
मंत्री पद का सपना देखने वाले विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से ही हाथ धोना पड़ा. इसके साथ ही वह 2023 तक कोई उपचुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे. बागी विधायकों का कहना है कि कर्नाटक के सियासी ड्रामे में उनका भरपूर इस्तेमाल हुआ और वे स्पीकर की बुनी हुई स्क्रिप्ट के शिकार हुआ. बागी विधायक अपने राजनीतिक करियर को बचाने के लिए विकल्प की तलाश में लगे हैं.
स्पीकर के फैसले के खिलाफ SC में अर्जी-
स्पीकर के फैसले को कांग्रेस-जेडीएस के बागियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है. बागियों का कहना है कि यह कानून के विरुद्ध है. बागी विधायक सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे. मौजूदा समय की बात करे तो कर्नाटक विधानसभा में कुल 225 विधायक हैं. 225 में 17 अयोग्य करार होने के बाद विधानसभा का आंकड़ा 208 पर पहुंच गया है. येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 105 विधायक चाहिए.
बीजेपी के नेता इस फ्लोर टेस्ट को लेकर पूरी तरह कॉन्फिडेंट हैं वहीं कांग्रेस नेता सिद्धारमैया का कहना है कि फ्लोर टेस्ट में कुछ भी हो सकता है. जीडीएस के बीजेपी को समर्थन देने की अटकलों पर कुमारस्वामी ने फुलस्टॉप लगा दिया है और कहा कि जेडीएस विपक्ष की भूमिका निभाएगी.