कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन वाली सरकार आज (10 नवंबर) टीपू जयंती मना रही है. वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी और दक्षिणपंथी संगठन कर्नाटक सरकार के इस कार्यक्रम का जोरदार विरोध कर रहे हैं. बीजेपी ने इस दौरान कार्यक्रम को रद्द करने की मांग को लेकर शुक्रवार को बेंगलुरू, मैसूर और कोडागू में विभिन्न स्थानों पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. बता दें कि कर्नाटक में टीपू सुल्तान की जयंती मानाने की शुरुवात साल 2015 कांग्रेस के तत्कालीन सीएम सिद्धारमैया ने की थी. वैसे तो इसे सांस्कृतिक विरासत को याद करने नाम दिया गया. लेकीन यह भी माना गया मुस्लिम वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए इसकी शुरुवात की गई थी.
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी टीपू सुल्तान को कट्टर शासक बताती है. वहीं दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि टीपू सुल्तान के कार्यकाल के दौरान हिन्दुओं पर काफी अत्याचार किया गया. उस दौरान मंदिर तोड़े गए, बड़े पैमाने पर हिंदुओं का धर्मांतरण करवाया. जनवरी महीने में दिल्ली के विधायक मनजिन्दर सिंह सिरसा ने एक बयान में कहा था कि टीपू सुल्तान ने खुद यह बात मानी थी कि उसने 400 हजार हिंदुओं को जबरन मुस्लिम बनाया है.
#siddaramaiah lost power for his misdeeds & one of the prime reason was #TipuJayanthi.Same is waiting for those who are all going behind Tippu
The souls of thousands of Hindus who got killed by Tippu & his fanatic army will never forgive these opportunist CONgress&JDS politicians
— Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) November 8, 2018
बीजेपी पर कांग्रेस ने किया हमला
वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता और कुमारस्वामी सरकार में मंत्री डीके शिवकुमार ने बीजेपी पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान का इतिहास काफी लंबा है. उनकी जयंती मनाने में मुझे कहीं कोई बुराई नजर नहीं आती. बीजेपी हिंदू-मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना चाहती हैं.
मुख्यमंत्री ने बनाई दुरी
वहीं इस बीच, मुख्यमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि कुमारस्वामी डॉक्टर की सलाह के मद्देनजर अगले तीन दिन तक किसी आधिकारिक समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे. 'टीपू जयंती' पर आयोजित प्रमुख समारोह का उद्घाटन उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर करेंगे