बेंगलुरू, 7 जून : पिछले दो साल से भेस बदलकर रह रहे हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) के एक आतंकवादी की पहचान और गिरफ्तारी के बाद से यहां अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं. चूंकि राज्य एक संवेदनशील दौर और अशांति जैसी स्थिति से गुजर रहा है, खासकर हिजाब विवाद और मस्जिद-मंदिर मुद्दे के बाद, पुलिस सुरक्षा के साथ कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है. सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन को संयुक्त रूप से राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) और केंद्रीय सशस्त्र रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की प्लाटून ने स्थानीय बेंगलुरु पुलिस की मदद से चलाया. ऑपरेशन 3 जून को किया गया था और यह घटना हाल ही में सामने आई है. आतंकी पिछले दो साल से बेंगलुरु में छिपा था.
गिरफ्तार आतंकवादी की पहचान तालिब हुसैन के रूप में हुई है, जो हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन के प्रमुख व्यक्तियों में से एक है. जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने मीडिया से इस मामले की पुष्टि की है. सूत्रों ने बताया कि तालिब हुसैन नागासेनी तहसील के किश्तवाड़ जिले के रहने वाला हैं. वह 2016 में आतंकी संगठन में शामिल हुआ था और उसकी दो पत्नियां और पांच बच्चे हैं. तालिब जम्मू-कश्मीर घाटी में युवाओं का ब्रेनवॉश करता था और हिंदुओं को निशाना बनाता था. वह बम धमाकों की कई घटनाओं में भी शामिल है. जब सशस्त्र बलों ने उसकी तलाश तेज की, तो वह बेंगलुरु भाग गया.
वह अपनी एक पत्नी और बच्चों के साथ बेंगलुरु आया था. वह एक ऑटो चलाता है और एक सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन व्यतीत करता है. सशस्त्र बल तालिब हुसैन के बेंगलुरु में होने के बारे में इनपुट इकट्ठा करने में कामयाब रहे. सशस्त्र बलों की विशेष टीम ने पिछले सप्ताह इस संबंध में बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त से मुलाकात की थी. स्थानीय पुलिस ने उसकी गतिविधियों पर नजर रखी और बलों को सूचित किया. पड़ोसी उसकी गिरफ्तारी के बाद यह जानकर हैरान रह गए कि वह एक आतंकवादी था. आतंकी ने यहां आम आदमी की तरह शांत जीवन व्यतीत किया.