Kanwar Yatra: यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, शांतिपूर्ण कांवड़ यात्रा के लिए नेमप्लेट लगाने का निर्देश दिया
Kanwar Yatra (img: TW)

नई दिल्ली, 26 जुलाई : उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से पूरा करने के लिए नेमप्लेट लगाने का निर्देश जारी किया गया था. राज्य सरकार ने कहा कि निर्देश जारी करने के पीछे का मकसद कांवड़ियों की यात्रा के दौरान उनके भोजन को लेकर सूचित विकल्प पेश करना था, ताकि उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे. सहारनपुर के संभागीय आयुक्त द्वारा शपथ-पत्र में कहा गया है, "कांवड़ियों को परोसे जाने वाले भोजन के बारे में छोटी-छोटी भ्रांतियां भी उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं और खासकर मुजफ्फरनगर जैसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में तनाव पैदा कर सकती हैं."

यूपी सरकार ने कहा है कि यह निर्देश 2 सप्ताह से भी कम अवधि के लिए कांवड़ यात्रा मार्ग तक ही सीमित था, केवल कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन को सुनिश्चित करने के लिए. सालाना 4.07 करोड़ से अधिक कांवड़िए ये यात्रा करते हैं. यूपी सरकार ने अपने जवाब मे कहा है कि राज्य द्वारा जारी निर्देश दुकानों और भोजनालयों के नामों से होने वाले भ्रम के बारे में कांवड़ियों की ओर से मिली शिकायतों के बाद किए गए थे. शिकायतें मिलने पर ही पुलिस अधिकारियों ने कांवड़ियों की चिंताओं को दूर करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की. यह भी पढ़ें : अलीबाग तट के पास बही छोटी नौका के चालक दल के सभी 14 सदस्यों को बचाया गया

यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य ने खाद्य विक्रेताओं के व्यापार या व्यवसाय पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है और वे अपना व्यवसाय सामान्य रूप से कर सकते हैं. मालिकों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कांवड़ियों के बीच किसी भी भ्रम से बचने के लिए किया गया है.

राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार, राज्यों में सभी खाद्य दुकानों, भोजनालयों और फूड जॉइंट्स को मालिकों/प्रोपराइटरों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने वाली "नेमप्लेट" लगानी होगी. ऐसा श्रावण मास में कांवड़ यात्रा करने वाले हिंदू श्रद्धालुओं की "आस्था की पवित्रता" को बनाए रखने के लिए किया गया.

सावन का महीना सोमवार से शुरू हो गया. इस दौरान भक्त और श्रद्धालु कांवड़ लेकर भोले शंकर को जल चढ़ाने के लिए कई किलोमीटर की यात्रा करते हैं. इसी यात्रा के दौरान कई दुकानों और ढाबों से वो खाने का सामान व अन्य चीजें खरीदते हैं. यूपी सरकार ने सबसे पहले आदेश जारी कर इन दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश जारी किया था, ताकि श्रद्धालु अपनी पसंद की दुकान से सामान खरीद सकें. उसके बाद ऐसा ही आदेश उत्तराखंड सरकार ने भी जारी किया.