लखनऊ: कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) शुक्रवार सुबह कानपुर (Kanpur) के भौती इलाके में यूपी पुलिस की एसटीएफ से हुई कथित मुठभेड़ में मारा गया. इनामी बदमाश पर कानपुर के बिकरू गांव में पिछले हफ्ते आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोप लगा था. हालांकि इस एनकाउंटर के बाद से यूपी पुलिस की भूमिका पर कई सवाल खड़े हो रहे है. विकास दुबे मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी एक जनहित याचिका दाखिल हुई है. विकास के एनकाउंटर के कुछ समय पहले दाखिल की गई याचिका में पहले ही उसके एनकाउंटर की आशंका जताई गई थी. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि यूपी पुलिस पहले भी अपराधियों के एनकाउंटर को लेकर विवादों में रही है.
साल 2014 के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के कारण उत्तर प्रदेश सरकार गैंगस्टर विकास दुबे की मौत की जांच करेगी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2017 से योगी आदित्यनाथ की सरकार के सत्ता संभालने के बाद से विकास दुबे पुलिस की क्रॉस फायरिंग में मारा गया 119वां आरोपी है. Kanpur Encounter: विकास दुबे के दो साथियों को शरण देने वाले ओम प्रकाश पांडे और अनिल पांडे को पुलिस ने ग्वालियर से किया गिरफ्तार
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मजिस्ट्रेट पूछताछ (Magisterial Inquiries) में 74 मुठभेड़ के मामलों में पूरी हो चुकी है. इन सभी मुठभेड़ में आरोपी की मौत हुई है. सभी में पुलिस को क्लीन चिट मिली है. जबकि 61 मामलों में पुलिस द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट ने ही स्वीकार कर लिया है. रिकॉर्ड बताते हैं कि 6,145 ऑपरेशन हुए हैं जिसमें 119 अभियुक्तों की मौत हुई है और 2,258 अन्य घायल हुए हैं. इन ऑपरेशनों में 13 पुलिसकर्मियों को मौत हुई है, इसमें पिछले सप्ताह कानपुर के पास शहीद होने वाले आठ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. जबकि कुल 885 पुलिसकर्मी घायल हुए है.
विकास दुबे के एनकाउंटर की पुलिस थ्योरी-
पांच लाख रुपये का इनामी बदमाश विकास दुबे को यूपी एसटीएफ मध्य प्रदेश के उज्जैन से कानपुर ला रही थी. इस दौरान कानपुर के सचेंडी थाना क्षेत्र में कन्हैयालाल अस्पताल के सामने अचानक गाय भैंसों का एक झुंड सड़क पर आ गया. लंबी यात्रा से थके चालक ने हादसा टालने के लिए वाहन को अचानक मोड़ा जिससे वह अनियंत्रित होकर पलट गया. जिस वजह से गाड़ी में बैठे पुलिस अधिकारी और कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए. इस बीच मौका पाकर अपराधी विकास दुबे घायल इंस्पेक्टर की सरकारी पिस्टल निकालकर भागने लगा. जिसके बाद एसटीएफ के जवानों ने दुबे का पीछा किया तो उसने पुलिस से छीनी गई पिस्तौल से गोलियां चलाई. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में शुक्रवार सुबह विकास दुबे मुठभेड़ में मारा गया. इस गोलीबारी में एसटीएफ के मुख्य आरक्षी शिवेंद्र सिंह सेंगर और कांस्टेबल विमल यादव जख्मी हुए है.
गौरतलब है कि दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात को कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित बिकरू गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने गयी पुलिस टीम पर उसके साथियों ने घात लगाकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं जिसमें पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे तथा छह अन्य घायल हो गए थे. इस हत्याकांड में कुल 21 को आरोपी बनाया गया है. इनमें से छह आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया है, जबकि तीन को गिरफ्तार किया गया है और बाकी 12 आरोपी फरार है.