नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ (Kamal Nath) को राहत देते हुए चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर रोक लगा दी है. 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप-चुनाव के लिए कांग्रेस की स्टार प्रचारक की सूची से हटाने के चुनाव आयोग के आदेश को कमलनाथ ने चुनौती दी थी. टाइटलर और कमलनाथ को 1984 दंगों के मामलों में अभियोजन में देरी दुर्भाग्यपूर्ण: सुखबीर
देश की शीर्ष कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग के पास स्टार प्रचारक का दर्जा रद्द करने का अधिकार नहीं है. वहीं, चुनाव आयोग ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय सर्वोच्च है. कोर्ट ने चुनाव आयोग को मामले में जवाब दाखिल करने का मौका दिया है. चुनाव योग ने कहा कि जल्द से जल्द कोर्ट के समक्ष जवाब दाखिल किया जाएगा.
"Hon'ble Supreme Court is supreme. EC has been given an opportunity to file a reply in the matter, which shall be filed at the earliest": Election Commission of India https://t.co/GTfnXJ2ah6
— ANI (@ANI) November 2, 2020
वकील वरुण के चोपड़ा के माध्यम से दायर याचिका में कमल नाथ ने कहा है था कि चुनाव आयोग ने 21 अक्टूबर को उन्हें एक नोटिस जारी किया था, जिसमें 18 अक्टूबर को बीजेपी द्वारा एक शिकायत पर एक आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया था.
याचिका में कहा गया, "याचिकाकर्ता ने 22 अक्टूबर को अपना जवाब दाखिल किया. इसके बाद, उत्तरदाता नंबर-1 (चुनाव आयोग) ने भी आदेश याचिका दिनांक 26 अक्टूबर 2020 को पारित करने से पहले याचिकाकर्ता को एक सुनवाई का मौका दिया था और याचिकाकर्ता को प्रचार अभियान के दौरान आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग न करने की सलाह दी गई थी."
इससे पहले, बीजेपी नेता इमरती देवी के बारे में की गई कमलनाथ की टिप्पणी से काफी विवाद पैदा हो गया था. उन्होंने उन्हें कथित तौर पर 'आइटम' कहा था, जिससे विवाद छिड़ गया था. कमलनाथ ने दलील दी है कि चुनाव आयोग ने उन्हें बिना किसी नोटिस या मामले की सुनवाई के आदेश पारित किया है, जो पूरी तरह से प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है. यह दलील दी गई कि यह आदेश गैरकानूनी, मनमाना, अनुचित है, जो प्राकृतिक न्याय के बुनियादी नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन किया है.
गौरतलब है कि शुक्रवार को चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लेते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया था. आयोग ने यह फैसला कमलनाथ के खिलाफ आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करने के आरोप लगने के बाद लिया था.