बैट कांड: कैलाश विजयवर्गीय ने सरकारी कर्मचारी से मारपीट को लेकर किया बेटे का बचाव, कहा- 'कच्चे खिलाड़ी हैं आकाश'
कैलाश विजयवर्गीय, (फोटो क्रेडिट्स: Twitter)

बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय के इंदौर में क्रिकेट के बल्ले से एक सरकारी अधिकारी की पिटाई की कार्रवाई का बचाव किया. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि क्रिकेट बल्ले की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी, दोष दोनों पक्षों का था. उन्होंने कहा कि आकाश विजयवर्गीय और नगरपालिका अधिकारी धीरेंद्र सिंह दोनों नौसिखिए खिलाड़ी थे. यह कहते हुए कैलाश विजवार्गीय ने मुद्दे को टालने की कोशिश की. उन्होंने अपने बयान में कहा "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे लगता है कि दोनों पक्षों से गलती हुई है. दोनों नौसिखिए खिलाड़ी हैं. आकाश और नगर निगम आयुक्त का यह मुद्दा बड़ा नहीं था, लेकिन इसे बहुत बड़ा बना दिया गया. कैलाश विजयवर्गीय ने यह भी कहा कि, 'मुझे लगता है कि अधिकारियों को अहंकारी नहीं होना चाहिए, उन्हें जनप्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए. मैंने इसकी कमी देखी है. दोनों को समझना चाहिए, ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो.

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैं पार्षद, मेयर और विभागीय मंत्री रहा हूं. हम बारिश के दौरान किसी भी आवासीय भवन को ध्वस्त नहीं करते हैं. मुझे नहीं पता कि सरकार ने इस मामले में कोई आदेश जारी किया था, अगर ऐसा हुआ है, तो यह उनकी ओर से गलती है. यही नहीं उन्होंने इंदौर नगर निगम पर निशाना साधते हुए कहा कि, यदि किसी इमारत को वैसे भी ध्वस्त किया जा रहा है, तो निवासियों के लिए एक 'धर्मशाला' में रहने की व्यवस्था की जाती है. नगर निगम से दुस्साहस हो रहा था. वहां महिला कर्मचारियों और महिला पुलिस को होना चाहिए था. यह अपरिपक्व था. ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए.

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बता दें कि इंदौर नगर निगम की टीम एक जर्जर इमारत गिराने गंजी कंपाउंड पहुंची थी. सूचना मिलने पर विधायक आकाश विजयवर्गीय भी वहां पहुंचे और नगर निगम की टीम को वहां से जाने को कहा. लेकिन उन्होंने वहां से जाने से मना कर दिया जिसके बाद दोनों के बीच बहस हो गई और आकाश ने क्रिकेट बैट से नगर निगम अधिकारी की पिटाई कर दी. जिसके बाद इस मामले ने सुर्खियां पकड़ ली. उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ और उन्हें जेल जाना पड़ा. लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.