नई दिल्ली, 30 दिसंबर : भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने श्रीलंका में विस्थापित भारतीय मूल के तमिलों द्वारा वर्षों तक किए गए संघर्षों को याद करते हुए कहा है कि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत ने एक नई आशावादी और सकारात्मक यात्रा शुरू की. नड्डा ने कहा कि वर्ष 2017 में, नरेंद्र मोदी जाफना का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने और उन्हें पक्के मकान देने का वादा किया, वादे को पूरा भी किया और तभी हमारे लोगों को श्रीलंका में सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर मिला. भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में जेपी नड्डा ने श्रीलंका में भारतीय मूल के तमिलों के 200 साल पूरे होने की स्मृति में डाक टिकट जारी करते हुए कहा कि यह बहुत बड़े ऐतिहासिक अवसर और खुशी की बात है कि आज, हम वर्ष 1823 को याद कर रहे हैं और इसे भारतीय मूल के तमिलों के डाक टिकट के साथ मना रहे हैं, जो 200 साल पहले श्रीलंका गए थे.
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने अपने फायदे के लिए हमारे तमिल लोगों के श्रीलंका में प्रवास को प्रोत्साहित किया. इसने विस्थापित लोगों को वहां के खेतों में काम करवाकर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के ब्रिटिशर्स के उद्देश्य को पूरा किया. लेकिन, विस्थापित भारतीय मूल के तमिलों ने वहां वर्षों तक संघर्ष किया. उन्हें मानवीय गरिमा, स्वास्थ्य और आजीविका की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. लेकिन, हालात कभी एक जैसे नहीं होते, स्थिर नहीं रहते. आख़िरकार, हमारे तमिल लोगों में क्रांति की भावना घर कर गई और उन्होंने बुनियादी मानवाधिकारों की मांग करना शुरू कर दिया. यह भी पढ़ें : PM Modi In Ayodhya: पीएम मोदी ने अयोध्या के सार्वजनिक कार्यक्रम में हुए शामिल, मौजूद लोगों को करेंगे संबोधित
नड्डा ने श्रीलंका के आजाद होने के बाद वहां भारतीय मूल के तमिल लोगों द्वारा किए गए संघर्ष को याद करते हुए आगे कहा कि आज हमें खुश और आशावादी रहना चाहिए, लेकिन, हमें अपने पूर्वजों द्वारा सहे गए इतिहास और दर्द को नहीं भूलना चाहिए. यही वह आधार है, जिसने हमें आज श्रीलंका में गौरवान्वित भारतीय मूल के तमिलों के रूप में खड़े होने की ताकत दी है. 2014 में, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे नेता बने, तो हमने एक नई आशावादी और सकारात्मक यात्रा शुरू की. 2017 में, वह जाफना का दौरा करने वाले पहले भारतीय पीएम बने और उन्हें पक्के मकान देने का वादा किया और वादा पूरा भी किया गया, तभी हमारे लोगों को श्रीलंका में सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर मिला.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निरंतरता में विश्वास करते हैं और श्रीलंका के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं. संकट के समय श्रीलंका को दी गई कई मदद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह चाहते हैं कि भारत-श्रीलंका के संबंधों में प्रगाढ़ता बनी रहनी चाहिए, अधिक मजबूती आनी चाहिए. लेकिन, इसी के साथ वह यह भी चाहते हैं कि वहां रह रहे भारतीय मूल के तमिलों को भी यह भरोसा रहे कि भारत उनके साथ मजबूती से खड़ा है और मदद के लिए हमेशा तैयार है.