Joshimath Sinking: जोशीमठ में नए घरों में भी आई दरारें, लोग खौफजदा
House in Joshimath (Photo: Twitter)

जोशीमठ, 9 फरवरी : जोशीमठ (Joshimath) में भू-धंसाव से लगातार हालात खराब होते जा रहे हैं. पुराने घरों में दरार बढ़ने के साथ ही कुछ नए घरों में भी दरारें आई हैं. इससे लोग खौफजदा हैं. चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने तत्काल पहुंचकर घरों का निरीक्षण कर अधिकारियों को निर्देश दिया. मनोहर बाग वार्ड में सूरज कपरवाण और रोहित परमार के खेतों में जनवरी के महीने में दरारें आई थीं. सूरज कपरवाण का कहना है कि प्रशासन ने इन दरारों को मिट्टी और प्लास्टिक डालकर भर दिया था. 20 जनवरी के बाद नगर के मकान और खेतों में दरारें आने का सिलसिला थम गया था लेकिन अब यहां पुरानी दरारें बढ़ने लगी हैं. पुरानी दरारों के बढ़ने और नए घरों में आई दरारें भले ही हल्की हैं, लेकिन इसने लोगों के साथ प्रशासन के माथे पर भी चिंता की लकीरें ला दी हैं. 20 जनवरी के बाद जब स्थिति थमने पर लोग उम्मीद कर रहे थे कि शायद अब भू-धंसाव रूक गया है लेकिन नई परिस्थितियों ने सभी को परेशान कर दिया है.

हर दिन बढ़ रही दरारों से जोशीमठ नगर के लोग बेहद खौफजदा हैं. मनोहर बाग वार्ड और सिंहधार के घरों में बीते दिनों जो दरारें आई थी, वह दरारें एक बार फिर चौड़ी हो रही हैं. इससे लोगों में डर का माहौल है. सिंहधार में भी लोगों के घरों में दरारें बढ़ने का सिलसिला जारी है. भू-धंसाव की मार लोगों के घरों पर ही नहीं बल्कि अब प्राकृतिक संसाधनों पर भी पड़ने लगी है. जोशीमठ के सिंहधार वार्ड में बीते कई सालों से बहने वाले धारे का पानी एकाएक सूखने से भी लोग चिंतित हैं. जोशीमठ में प्रसाशन द्वारा जिन घरों को रहने के लिये असुरक्षित बताया गया था, उन घरों में एक बार फिर दरारों का आकार बढ़ने और कुछ नए घरों में भी दरारें आने पर चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने उन इलाकों का दौरा किया. यह भी पढ़े : अडाणी मामले पर तृणमूल सांसद ने पूछा सवाल : ईडी जांच क्यों नहीं कर रही है

डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि जोशीमठ में जिन घरों में क्रैकोमीटर लगाये गए थे, उससे ज्ञात हुआ कि पुरानी दरारों का आकार बढ़ा है. साथ ही 5 नए घरों में हल्की दरारें आई हैं. लेकिन मारवाड़ी में जल रिसाव पहले से काफी कम हो गया है. बीते दिनों प्रशासन के दावों के मुताबिक जोशीमठ नगर में आ रही दरारें थम चुकी थी. लेकिन जोशीमठ में लगातार बढ़ रही दरारों ने लोगों को एक बार फिर चिंता में डाल दिया है. दूसरी तरफ प्रभावितों के अस्थायी पुनर्वास के लिये प्रशासन की तरफ से जोशीमठ स्थित उद्यान विभाग की भूमि पर प्री फैब्रिकेटेड मॉडल हट तैयार किए जा रहे हैं. साथ ही ढाक गांव में भी प्रभावितों के लिए हट तैयार किए जा रहे हैं.