JNU Sedition Case: दिल्ली पटियाला कोर्ट ने पुलिस को दिया निर्देश, कहा- जेएनयू देशद्रोह मामले के आरोपियों चार्जशीट की कॉपी दी जाए
कन्हैया कुमार (Photo Credits- Facebook)

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने सोमवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्रों कन्हैया कुमार, उमर खालिद और आठ अन्य को 2016 के राजद्रोह मामले में उनके खिलाफ दायर चार्जशीट की प्रतियां प्रदान करने का निर्देश दिया है. बता दें कि जेएनयू कैंपस में एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और अन्य के खिलाफ 14 जनवरी, 2019 को शहर की अदालत में 1,200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. कन्हैया कुमार और खालिद ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ पुलिस की कार्रवाई "राजनीति से प्रेरित" थी. सोमवार को सुनवाई के दौरान कन्हैया कुमार और एक अन्य आरोपी सुशील बजाज ने  शारीरिक उपस्थिति से छूट मांगी, अदालत ने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और प्रत्येक तारीख पर उन्हें उपस्थित होने के आदेश दिए. अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 7 अप्रैल निर्धारित की है. यह भी पढ़ें: JNU Violence: जानें जेएनयू में हुई हिंसा पर राहुल गांधी, केजरीवाल और शरद पवार समेत अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

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खालिद पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों में कथित भूमिका के लिए तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में है. उसे कुछ ही मिनटों के लिए अपने माता-पिता से मिलने की अनुमति दी गई थी. अन्य आरोपी, जो जेल से बाहर हैं, आज सुबह परिसर में उच्च सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे. मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने 15 फरवरी को पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए आरोपियों को तलब किया था. न्यायाधीश ने यह भी उल्लेख किया था कि दिल्ली सरकार ने देशद्रोह के आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी.

इस मामले में अन्य सात आरोपियों में कश्मीरी छात्र आकिब हुसैन (Aquib), मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रेये रसाल (Rayeea Rassol), बशीर भट और बशारत शामिल हैं. जबकि बाकी के आरोपी बाहर हैं, खालिद तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में है. यह भी पढ़ें: Delhi Riots: जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को 10 दिन की पुलिस हिरासत

कन्हैया कुमार, खालिद और अन्य आरोपियों के खिलाफ धारा 124 ए (राजद्रोह), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), 471 (वास्तविक जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के रूपमें इस्तेमाल) के तहत आरोप लगाए गए हैं, 149 (गैरकानूनी विधानसभा का सदस्य होने के नाते), 147 (दंगा करने की सजा) और भारतीय दंड संहिता की 120B (आपराधिक साजिश) के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं.

11 फरवरी 2016 को तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी के सांसद महेश गिरि (Mahesh Girri) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उनके खिलाफ शिकायत की थी.