रांची, 8 अक्टूबर : झारखंड के दुमका में 19 वषीर्या मारुति कुमारी को जिंदा जला दिये जाने की घटना पर स्थानीय लोगों का आक्रोश फूट पड़ा है. शनिवार को उसका शव जैसे ही रांची से दुमका पहुंचा, सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आये. लोगों ने शव को चौराहे पर दुमका-नोनीहाट मुख्य सड़क को जाम कर दिया. विरोध जता रहे लोग आरोपी राजेश राउत को जनता के हवाले करने या उसे तत्काल फांसी देने की मांग करते रहे. आरोपी को पुलिस ने शुक्रवार को ही गिरफ्तार कर लिया था, जिसे अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है.
मारुति कुमारी के शव के साथ प्रदर्शन कर रहे लोग इतने गुस्से में हैं कि उन्होंने जाम हटाने के लिए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, पूर्व मंत्री लुईस मरांडी और विधायक रणधीर सिंह के आग्रह को भी ठुकरा दिया है. सांसद निशिकांत दुबे ने पीड़िता के परिजनों को दो लाख रुपये की आर्थिक मदद दी. इसी दौरान जब पीड़िता का शव उठाने की कोशिश की गई तो लोग पुलिसकर्मियों से भिड़ गये और एंबुलेंस पर हमला कर दिया. दिन दस बजे से जारी जाम में सैकड़ों वाहन और यात्री फंसे हैं. मौके पर पुलिस-प्रशासन के कई अफसर मौजूद हैं, लेकिन प्रदर्शन कर रहे लोग उनकी एक सुनने को तैयार नहीं हैं. यह भी पढ़ें : CM केजरीवाल को मिला एक और ‘लव लेटर’, जानें मुख्यमंत्री को कौन भेज रहा है ये चिट्ठी
बता दें कि दुमका जिले के जरमुंडी थाना क्षेत्र के भरतपुर भालकी गांव में गुरुवार रात राजेश राउत नामक शख्स ने मारुति कुमारी के घर में घुसकर उसपर पेट्रोल उड़ेलकर आग लगा दी थी. मारुति उस वक्त गहरी नींद में थी. आग लगते ही वह चीखने लगी. उसने मैजिस्ट्रेट के सामने पुलिस को दिये बयान में कहा है कि आग लगाने वाले राजेश को उसने भागते हुए देखा. राजेश राउत शादीशुदा है, लेकिन इसके बावजूद वह मारुति और उसके घर वालों पर शादी के लिए दबाव बना रहा था. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने राजेश को गिरफ्तार कर लिया.
इस घटना पर सीएम हेमंत सोरेन ने गहरा दुख जताते हुए परिजनों को दस लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि आरोपी को जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलाने के लिए सरकार हरसंभव कार्रवाई करेगी. गौरतलब है कि दुमका में डेढ़ महीने के दौरान इस तरह की यह दूसरी वारदात है. इसके पहले बीते 23 अगस्त को दुमका शहर में ही 16 वषीर्या अंकिता सिंह को दो युवकों ने इसी तरह पेट्रोल डालकर जला डाला था, जिसकी एक हफ्ते बाद रांची में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.