नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौर में हवाई जहाज से सफर करना जल्द ही और अधिक महंगा हो सकता है. दरअसल एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) के दाम जून महीने के पहले ही दिन असमान पर पहुंच गए है. तेल विपणन कंपनियों द्वारा विमान ईंधन की कीमतों में करीब 50 फीसदी का इजाफा किया गया है. वैसे ही लॉकडाउन के कारण विमान कंपनियां भारी वित्तीय संकट का सामना कर रही है. इस वजह से यात्रियों को टिकट खरीदने के लिए पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है.
इंडियन ऑयल के अनुसार, दिल्ली में आज विमान ईंधन की कीमत 12,126.75 रुपये बढ़ाकर 33,575.37 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है. इससे पहले 16 मई से 31 मई तक इसकी कीमत 21,448.62 रुपये प्रति किलोलीटर थी. इस प्रकार इसमें 56.54 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी की गई है. जबकि कोलकाता में इसकी कीमत 45.68 प्रतिशत बढ़कर 38,543.48 रुपये, मुंबई में 57.80 प्रतिशत बढ़कर 33,070.56 रुपये और चेन्नई में 56.54 प्रतिशत बढ़कर 34,569.30 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है. Locust Attack in India: एयर इंडिया और स्पाइस जेट के विमानों से टिड्डी दल पर किया जाएगा हवाई स्प्रे
रिपोर्ट्स की मानें तो विमान कंपनियों का 35 से 40 प्रतिशत कर्च केवल ईंधन पर ही होता है. क्रिसिल (Crisil) की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप और उसके बाद लागू किए गए लॉकडाउन के चलते घरेलू विमानन उद्योग को चालू वित्त वर्ष के दौरान कमाई में 24,000-25,000 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हो सकता है. कोलकाता हवाईअड्डे पर घरेलू विमानों का परिचालन बहाल
क्रिसिल इंफ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी के परिवहन एवं रसद के निदेशक और प्रैक्टिस लीडर जगन्नारायण पद्मनाभन ने मई महीने की शुरुआत में कहा था कि एयरपोर्ट परिचालकों को 5,000-5,500 करोड़ रुपये और हवाई अड्डे पर खुदरा विक्रताओं को 1,700-1,800 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है. पिछले दस वर्षों के दौरान इस सेक्टर की वृद्धि दर औसतन प्रतिवर्ष 11 फीसदी दर्ज की गई. लेकिन इस साल मुनाफे की उम्मीद नहीं के बराबर है.