श्रीनगर, एक जनवरी: जम्मू और कश्मीर में नए साल की शुरुआत के साथ साथ शीत लहर और तेज हो गई और कई जगहों पर न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से पांच डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया. कश्मीर घाटी में भीषण शीत लहर देखी गई. श्रीनगर में कल रात तापमान शन्य से 5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. तापमान में इस भारी गिरावट के बाद श्रीनगर में बर्फ की एक पतली चादर बन गई. डल झील की ऊपरी परत पर बर्फ की एक पतली चादर बन गई है. न्यूज एजेंसी ANI ने इसका वीडियो भी साझा किया है. Weather Today: जबरदस्त ठंड और कोहरे के साथ आया नया साल, उत्तर भारत में बढ़ी ठिठुरन, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट.
कश्मीर के अधिकतर मैदानी इलाके में बर्फबारी नहीं हुई और मौसम शुष्क रहा लेकिन तापमान बेहद कम होने के चलते बर्फ की पतली परत बन गई है. घाटी के ऊपरी इलाकों में दिसंबर के अंत तक सामान्य से कम बर्फबारी दर्ज की गई. अधिकारियों ने बताया कि आसमान साफ रहने के कारण श्रीनगर सहित ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है.
श्रीनगर में बर्फ की परत जमी
#WATCH | A thin sheet of ice forms in Jammu & Kashmir's Srinagar as it recorded minus 5 degrees Celsius last night. pic.twitter.com/TUph8YzFw2
— ANI (@ANI) January 1, 2024
डल झील का वीडियो
#WATCH | A thin sheet of ice forms on the upper layer of Dal Lake as J&K's Srinagar recorded minus 5 degrees Celsius last night pic.twitter.com/uB4e4KL1gZ
— ANI (@ANI) January 1, 2024
श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पिछली रात यह शून्य से नीचे 3.4 डिग्री सेल्सियस था. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 5.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि यह पिछली रात शून्य से नीचे 3.4 डिग्री सेल्सियस था. काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 3.6, कोकेरनाग शहर में शून्य से नीचे 1.7 और कुपवाड़ा में शून्य से नीचे 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
कश्मीर वर्तमान में 'चिल्लई-कलां' की चपेट में है. यह 40 दिनों की भीषण सर्दी की अवधि है. इस दौरान क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान बेहद नीचे चला जाता है जिससे प्रख्यात डल झील सहित जल निकाय जम जाते हैं. घाटी के कई हिस्से इस स्थिति का सामना करते हैं. इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और ऊंचाई वाले इलाके में भारी बर्फवारी भी होती है. चिल्लाई-कलां 31 जनवरी को खत्म होगा.
‘चिल्लई-कलां’ की शुरुआत 21 दिसंबर से होती है और 31 जनवरी को यह समाप्त होगा. इसके बाद कश्मीर में 20 दिनों का ‘चिल्लई-खुर्द’ (छोटी ठंड) और 10 दिनों का ‘चिल्लई-बच्चा’ (हल्की ठंड) का दौर रहता है. इस दौरान शीत लहर जारी रहती है.