Jammu and Kashmir की एक इंच कृषि भूमि भी किसी को नहीं बेची जाएगी: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा
मनोज सिन्हा (Photo Credits: Facebook)

श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) को लेकर मोदी सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लिया. इसके तहत अब से जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने के लिए स्थानीय प्रमाणपत्र की कोई जरूरत नहीं होगी. यानी केंद्र शासित प्रदेश में देश का कोई भी नागरिक जमीन खरीद सकता है. इस फैसले से सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला समेत तमाम नेता भड़क गए हैं. इस बीच उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर की कोई भी कृषि भूमि किसी को बेची नहीं जाएगी. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर के सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा के अग्रिम इलाकों का दौरा किया

जम्मू और कश्मीर में बाहरी लोगों को जमीन बेचे जाने के विरुद्ध उठ रही आवाजों को ख़ारिज करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने आश्वासन दिया कि एक इंच भी कृषि भूमि किसी को नहीं बेची जाएगी. उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में बागवानी (Horticulture) भी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है. सरकार इस के विकास की अपार संभावनाओं को सच करने के लिए सभी जरुरी कदम उठा रही है.

उल्लेखनीय है कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के एक साल बाद जमीन के कानून में बदलाव किया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बारे में अधिसूचना जारी की. इससे जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में किसी भी भारतीय के लिए भूमि खरीदने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. इस आदेश को जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों का अनुकूलन) थर्ड ऑर्डर, 2020 कहा जाएगा. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.

इससे पहले जम्मू-कश्मीर में सिर्फ वहां के निवासी ही जमीन की खरीद कर सकते थे. आदेश के अनुसार राज्य के 12 कानूनों- जम्मू और कश्मीर एलियेनेशन ऑफ लैंड एक्ट, जम्मू और कश्मीर बिग लैंडेड इस्टेट्स एबोलिशन एक्ट, जम्मू एंड कश्मीर कॉमन लैंड्स (रेगूलेशन) एक्ट, 1956, जम्मू एवं कश्मीर कंसोलिडेशन ऑफ होलडिंग्स एक्ट, 1962 आदि को संपूर्ण रूप से निरस्त कर दिया गया है. (एजेंसी इनपुट के साथ)