Jahangirpuri Violence: पीएफआई की भूमिका की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसियां
जहांगीरपुरी हिंसा (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली, 26 अप्रैल : केंद्रीय जांच एजेंसियां 16 अप्रैल को हुई जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) सांप्रदायिक हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की कथित भूमिका की जांच कर रही है. खुफिया नेटवर्क के सूत्रों ने कहा है कि एजेंसियां जहांगीरपुरी में पीएफआई की छात्र शाखा से जुड़े कुछ लोगों की मौजूदगी की जांच कर रही हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि वे इलाके में किससे मिले थे. सूत्रों ने यह भी कहा कि उन्होंने पीएफआई छात्र विंग के सदस्यों के लगभग 22 मोबाइल नंबरों की पहचान की है, जो हिंसा भड़कने से पहले क्षेत्र में मौजूद थे.

सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसियां उनकी गतिविधियों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं और दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा उनसे पूछताछ कर सकती है. इनमें से कुछ नंबर फरवरी 2020 में दिल्ली हिसा के दौरान भी सक्रिय पाए गए थे. जांच एजेंसियां यह भी पता लगाना चाहती हैं कि क्या इन पीएफआई सदस्यों का जहांगीरपुरी में हुई हिंसा से कोई संबंध था? यह इसलिए, क्योंकि दिल्ली पुलिस का मानना है कि झड़पों के मुख्य आरोपी अंसार के कट्टरपंथी संगठन के साथ संबंध थे. यह भी पढ़ें : आतंकवाद के कारण 64,827 कश्मीरी पंडित परिवारों को कश्मीर घाटी छोड़ने को मजबूर होना पड़ा: गृह मंत्रालय

खुफिया एजेंसियों ने पहले आशंका व्यक्त की थी कि पीएफआई जैसे कुछ कट्टरपंथी संगठनों ने हिंसा को भड़काया होगा. 16 अप्रैल को जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान गंभीर सांप्रदायिक झड़पें हुईं थीं, जिसमें आठ पुलिसकर्मियों सहित नौ लोग घायल हो गए थे. पुलिस अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इसके अलावा दो किशोरों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है.