नई दिल्ली. देश में कोरोना महामारी (Coronavirus Outbreak) का कोहराम थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोविड-19 (COVID-19) से पीड़ितों की संख्या भी रोजाना बढ़ती जा रही है. कोरोना के चलते देश में आर्थिक मसले पर काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. इसी बीच कोरोना के प्रकोप को देखते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत (Supreme Court) ने 23 जून को प्रस्तावित वार्षिक भगवान जगन्नाथ पुरी (Jagannath Puri) रथ यात्रा (Rath Yatra) पर रोक लगा दी है. अगर इसे इजाजत मिलती तो यह खास उत्सव अगले 20 दिनों तक जारी रहता.
सुप्रीम कोर्ट ने आज हुई सुनवाई के दौरान कहा कि जनहित और आम जनता की सुरक्षा को मद्देनजर इस वर्ष रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती है. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि हमने इस वर्ष पूरी रथ यात्रा की इजाजत दी तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे. कोर्ट ने आगे कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा के हित में, इस वर्ष रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती है. यह भी पढ़ें-Jagannath Rath Yatra 2019: गृहमंत्री अमित शाह और ममता बनर्जी ने की भगवान जगन्नाथ की पूजा, नुसरत जहां भी पति के साथ हुईं शामिल
ANI का ट्वीट-
Supreme Court stays the annual Rath Yatra at Puri's Jagannath Temple in Odisha on June 23 pic.twitter.com/lEoWjBYipn
— ANI (@ANI) June 18, 2020
ज्ञात हो कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शरद बोबडे कहा कि कोरोना महामारी के चलते लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. इससे पहले ओडिशा की रथयात्रा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका में कहा गया है कि इसमें 10 लाख लोग शामिल होने वाले हैं.