चंद्रयान-2 मिशन: सोमवार तड़के 2:51 पर होगा लॉन्च, इसरो की तैयारियां पूरी
इसरो का चंद्रयान-2 मिशन (Photo Credit- PTI)

भारत सोमवार को अपने महत्वाकांक्षी स्पेश मिशन चंद्रयान- 2 (Chandrayaan-2) को लॉन्च करने जा रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन डॉक्टर के. सिवन ने शनिवार को बताया कि हम 15 जुलाई को तड़के 2:51 बजे अपने सबसे प्रतिष्ठित मिशन चन्द्रयान-2 को लॉन्च करने जा रहे हैं. चंद्रमा के लिए भारत का ये दूसरा मिशन श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा. लॉन्चिंग के कई हफ्तों बाद यह चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. यह वह हिस्सा है, जहां आज तक दुनिया का कोई अंतरिक्ष यान नहीं उतरा है.

इस मिशन के लिए GSLV MK-III का इस्तेमाल किया जाएगा सफल लॉन्चिंग के बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 के लैंड करने में करीब 2 महीने का वक्त लगेगा. मिशन सफल रहा तो चंद्रयान-2 के 6 सितंबर को चांद की सतह पर उतरने की संभावना है. इसरो का यह अब तक का सबसे जटिल मिशन है.

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इसरो ने आठ जुलाई को अपनी वेबसाइट पर चंद्रयान की तस्वीरों को जारी किया. इसकी जानकारी देते हुए इसरो के अध्यक्ष डॉक्टर के सिवान ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईआईएसटी) के सातवें दीक्षांत समारोह में कहा कि चंद्रयान-2 को प्रक्षेपण यान के साथ एकीकृत कर दिया गया है.

के सिवान ने कहा, 'चंद्रयान-2 के जरिए इसरो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जा रहा है जहां आज तक कोई नहीं पहुंच पाया है. अगर हम उस जोखिम को लेते हैं तो वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय को लाभ होगा. जोखिम और लाभ जुड़े हुए हैं.' चंद्रयान छह या सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के पास लैंड करेगा. ऐसा होते ही भारत चांद की सतह पर लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा.

लॉन्चिंग के बाद अगले 16 दिनों में चंद्रयान-2 पृथ्वी के चारों तरफ 5 बार कक्षा बदलेगा. इसके बाद चंद्रयान-2 की चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग होगी. इसके बाद रोवर को लैंडर से बाहर निकलने में 4 घंटे लगेंगे. हालांकि चंद्रयान को कई चुनौतियों का भी सामना करना होगा. इसमें सॉफ्ट लैंडिंग और बदलते तापमान से जुड़ी दिक्कतें शामिल हैं.