देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के करीब ISRO लगाने जा रहा बड़ी छलांग, EOS-03 उपग्रह करेगा लॉन्च

देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के करीब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष इतिहास में एक और बड़ी छलांग लगाने जा रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 12 अगस्त को सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर उपग्रह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-03 (EOS-03) का प्रक्षेपण किया जाएगा.

इसरो (Photo Credits: IANS)

देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के करीब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष इतिहास में एक और बड़ी छलांग लगाने जा रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 12 अगस्त को सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर उपग्रह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-03 (EOS-03) का प्रक्षेपण किया जाएगा. इससे मौसम संबंधी गतिविधियों को समझने में और आसानी होगी.

अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट का काउंटडाउन शुरू

बता दें यह इसरो का देश में पहला पृथ्वी की निगरानी रखने वाला उपग्रह होगा. EOS-03 उपग्रह भारतीय उपमहाद्वीप में बाढ़ और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी में सक्षम होगा. ईओएस-03 अति उन्नत उपग्रह है, जिसे जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-F10 (GSLV-F10) यान की मदद से धरती की कक्षा में स्थापित किया जाएगा. इसकी जानकारी इसरो ने अपने ट्वीटर अकाउंट के जरिए दी है. अंतरिक्ष केंद्र से बुधवार सुबह 3:43 बजे इसका काउंटडाउन शुरू हो गया.

भारत की ताकत में होगा और इजाफा

उधर GSLV-F10 के लिक्विड स्ट्रैप-ऑन (L40) के लिए प्रोपेलेंट भरने का कार्य भी पूरा किया जा चुका है. अब इस मिशन के सफल होने से भारत की ताकत में और अधिक इजाफा होगा. ईओएस-03 को जीएसएलवी एफ 10 यान की मदद से धरती की कक्षा में स्थापित किया जाएगा. इसके बाद, उपग्रह अपने ऑनबोर्ड प्रणोदन प्रणाली का उपयोग करके अंतिम भूस्थिर कक्षा में पहुंच जाएगा. जीएसएलवी की इस उड़ान में पहली बार 4 मीटर व्यास का ओगिव आकार का पेलोड फेयरिंग उड़ाया जा रहा है. बताना चाहेंगे कि यह जीएसएलवी की चौदहवीं उड़ान है. यह भी पढ़ें : 15 अगस्त के मौके पर दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश पर रहेगी रोक, गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

इन क्षेत्रों से संबंधित जुटाई जा सकेगी जानकारी

यह एक नियमित लगातार अंतराल पर अपने से संबंधित क्षेत्रों की रीयल-टाइम इमेजिंग प्रदान करेगा. इसका उपयोग प्राकृतिक आपदाओं, प्रासंगिक घटनाओं और किसी भी अल्पकालिक घटनाओं की निगरानी के लिए भी किया जा सकता है. यह उपग्रह कृषि, वानिकी, खनिज विज्ञान, आपदाओं की चेतावनी और समुद्र विज्ञान से संबंधित जानकारी जुटाने के काम आएगा.

याद हो इससे पहले 28 फरवरी को इसरो ने साल 2021 का अपना पहला मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया था. भारत का रॉकेट 28 फरवरी को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पहली बार ब्राजील का उपग्रह लेकर अंतरिक्ष रवाना हुआ था. सिर्फ इतना ही नहीं उस दौरान भारतीय रॉकेट अपने साथ 19 सेटेलाइट लेकर गया था, जिनमें ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों शामिल थे. तब भारत के पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51 ने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी.

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