HC on Terrorist Act: क्या हिंदू नेता की हत्या की साजिश आतंकवादी कृत्य है? UAPA के तहत गिरफ्तार शख्स को मद्रास हाईकोर्ट ने दी जमानत

हाई कोर्ट ने कहा, क्या हिंदू धार्मिक नेताओं की टारगेट किलिंग को अपने आप में आतंकवादी कृत्य माना जा सकता है?

Madras HC | Wikimedia Commons

चेन्नई: मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने हाल ही में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UPPA) के तहत गिरफ्तार और आरोपित एक व्यक्ति को जमानत दे दी. इस शख्स को पिछले साल तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जस्टिस एसएस सुंदर और सुंदर मोहन की हाई कोर्ट बेंच ने जमानत देते हुए एक सवाल उठाया कि क्या एक हिंदू धार्मिक नेता की हत्या की साजिश यूएपीए के तहत परिभाषित आतंकवादी गतिविधि कहा जा सकता है? HC on Suicide due to Love Failure: प्यार में असफल शख्स आत्महत्या कर ले तो क्या गर्लफ्रेंड होगी जिम्मेदार? जानें हाई कोर्ट ने क्या कहा.

हाई कोर्ट ने कहा, क्या हिंदू धार्मिक नेताओं की टारगेट किलिंग को अपने आप में आतंकवादी कृत्य माना जा सकता है? कोर्ट ने बुधवार को कहा कि सबूतों से पता चलता है कि साजिश कुछ निश्चित धार्मिक नेताओं पर हमला करने की थी. अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि इसे आतंकवादी कृत्य कैसे माना जाएगा, जैसा कि यूएपीए की धारा 15 के तहत परिभाषित किया गया है.

हिंदू धार्मिक नेताओं की हत्या की साजिश 

अभियोजन पक्ष ने दावा किया था आसिफ मुस्तहीन नाम के आरोपी ने कुछ हिंदू धार्मिक नेताओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्यों की हत्या की साजिश रची थी. अभियोजन पक्ष ने यह भी कहा कि आरोपी ने UPPA की धारा 18 और 38(2) के तहत परिभाषित आतंकवादी गतिविधि की थी.

कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि आरोपी IS का सदस्य बनना चाहता था और उसने दूसरे आरोपी के साथ निकटता बढ़ाई, जो आतंकवादी संगठन का सदस्य था. अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया गया कि दोनों ने बीजेपी और आरएसएस से जुड़े हिंदू धार्मिक नेताओं को मारने की योजना बनाई थी.

हाई कोर्ट ने कहा, अभियोजन पक्ष द्वारा एकत्र की गई सामग्री दोषसिद्धि का कारण बन सकती है, मुकदमे के लंबित रहने तक हिरासत अनिश्चितकालीन नहीं हो सकती. कोर्ट ने कहा, सबूत कहीं भी यह संकेत नहीं देते कि आरोपी आईएस में शामिल हो गया और दूसरा आरोपी आतंकवादी समूह का सदस्य था. कोर्ट ने आरोपी को इरोड में रहने और अगले आदेश तक हर दिन सुबह 10.30 बजे ट्रायल कोर्ट में पेश होने के निर्देश के साथ सशर्त जमानत दे दी.

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