INX Media Case: धनशोधन मामले में पी चिदंबरम से पूछे गए सवालों का वकील ने ED से लिखित में मांगा ब्योरा
पी चिदंबरम (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम (P. Chidambaram) ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनसे की गयी पूछताछ का लिखित विवरण पेश करने का निर्देश दिया जाये. न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ के समक्ष चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक आवेदन दायर किया है जिसमे पिछले साल 19 दिसंबर, एक जनवरी और 21 जनवरी, 2019 को उनके मुवक्किल से की गयी पूछताछ का लिखित ब्यौरा पेश करने का प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. सिब्बल ने कहा कि इस लिखित ब्यौरे से पता चल जायेगा कि क्या चिदंबरम पूछताछ के दौरान जवाब देने से बच रहे थे जैसा कि प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है.

उन्होंने पीठ से कहा कि चिदंबरम को हिरासत में लेने के लिये प्रवर्तन निदेशालय अपनी मर्जी से और पीठ पीछे कोई दस्तावेज दाखिल नहीं कर सकता है. सिब्बल ने कहा, ‘‘वे अचानक ही दस्तावेज पेश कर रहे हैं और कहते हैं कि यह केस डायरी का हिस्सा है.’’चिदंबरम की ओर से ही एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘‘वे आरोपी को हिरासत में लेने के लिये पीछे से दस्तावेज पेश नहीं कर सकते.’’इसके साथ ही उन्होंने संविधानिक और कानूनी प्रावधानों का हवाला दिया और कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त व्यक्तिगत आजादी के मौलिक अधिकार को निलंबित नहीं किया जा सकता है.सिंघवी का कहना था कि धन शोधन रोकथाम कानून में 2009 में संशोधन किया गया जबकि इस मामले में आरोप 2007-08 के हैं. यह भी पढ़े: INX Media Case: याचिका सूचीबद्ध करने के लिए पी चिदंबरम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

सिंघवी ने कहा, ‘‘आप एक व्यक्ति को सरगना बता रहे हैं जबकि ये कथित अपराध उस समय अस्तित्व में ही नहीं थे. ’’यह पीठ आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत रद्द करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही है। पीठ ने सोमवार को चिदंबरम को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि मंगलवार तक के लिये बढ़ा दी थी.संप्रग सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में चिदंबरम 2004 से 2014 के दौरान वित्त मंत्री और गृह मंत्री रह चुके हैं.

केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की जिसमें आरोप लगाया गया था कि आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ का निवेश प्राप्त करने के लिये विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी देने में अनियमिततायें की गयीं। यह मंजूरी उस वक्त दी गयी थी जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे. इसके बाद, 2017 में ही प्रवर्तन निदेशालय ने चिदंबरम के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था. शीर्ष अदालत सीबीआई के मामले में पहले ही चिंदबरम की अपील को निरर्थक करार दे चुकी है क्योंकि इस पर सुनवाई होने से पहले ही उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका था। चिदंबरम इस समय सीबीआई की हिरासत में हैं.