कोलकाता, 22 जुलाई : पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के घुसुड़ी में जहरीली शराब ने तीन और लोगों की जान ले ली है, जिससे हादसे में मरने वालों की संख्या 13 हो गई है. पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. स्थानीय पुलिस सूत्रों ने बताया कि बुधवार को अस्पताल में भर्ती तीन और लोगों कामेश्वर राव, नीतीश सिंह और बलराम मन्ना की गुरुवार की देर शाम मौत हो गई. ये सभी घुसुड़ी इलाके की स्थानीय फैक्ट्रियों में काम करते थे.
इस बीच, 15 अन्य व्यक्तियों का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है. हालांकि उनमें से ज्यादातर की हालत स्थिर हो गई है, लेकिन एक व्यक्ति गंगा साव की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है. बुधवार की सुबह, रेलवे ट्रैक से सटे एक स्थानीय शराब के अड्डे पर जहरीली शराब पीने से छह लोगों के मारे जाने की खबर है. दो लोगों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में चार और लोगों की मौत हो गई. इस प्रकार उसी दिन मरने वालों की संख्या 10 हो गई. गुरुवार की देर शाम तीन और लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 13 हो गई.
स्थानीय पुलिस ने प्रताप कर्माकर के स्वामित्व वाले अवैध जहरीली शराब के अड्डे को संरक्षण देने के पीछे मलीपंचघोरा पुलिस स्टेशन की मिली भगत का आरोप लगाया है. स्थानीय लोगों, विशेषकर महिलाओं ने आरोप लगाया कि शराब के अड्डे की मौजूदगी से वहां काफी समय से माहौल खराब हो रहा है और स्थानीय लोगों की बार-बार शिकायत के बावजूद ना तो स्थानीय मलीपंचघोरा थाना और ना ही राज्य आबकारी विभाग ने संयुक्त को बंद करने की कोई पहल की. यह भी पढ़ें : Earthquake in Manipur: मणिपुर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.4 रही तीव्रता
इस बीच, शुक्रवार की सुबह मलीपंचघोरा पुलिस थाने ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को स्थानीय लोगों की जहरीली शराब की घटना के खिलाफ इलाके में एक विरोध रैली करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. अधिकारी ने कहा, "कई लोग जहरीली शराब के सेवन से मारे गए हैं. लेकिन पुलिस इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ चुप है. और अब वे हमें लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं."
स्थानीय तृणमूल कांग्रेस विधायक और पश्चिम बंगाल के निगम विभाग के प्रभारी मंत्री अरूप रॉय ने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता अनावश्यक रूप से निकायों पर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं. मैंने पहले ही कहा है कि अपराधियों को दंडित किया जाएगा. अगर इसमें कोई पुलिस अधिकारी भी शामिल है, तो भी उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.