नई दिल्ली: इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने कहा है की राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति बेहद महत्वाकांक्षी नीति है और इससे देश में 40 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा और सकल घरेलू उत्पाद में डिजिटल कम्युनिकेशन क्षेत्र का 8 फीसदी योगदान होगा.
आईएएमएआई ने राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति 2018 के मसौदे को मंगलवार को सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया है. आईएएमएआई ने कहा कि यह बेहद महत्वाकांक्षी नीति है और अगर इसमें से सिर्फ 5 लक्ष्य भी 2022 तक पूरे हो जाते हैं तो यह डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी.
आईएएमएआई ने कहा, "इस नीति में 2022 तक के लिए आशावादी लक्ष्य तय किए गए हैं जैसे सभी के लिए ब्रॉडबैंड का प्रावधान, डिजिटल कम्युनिकेशन सेक्टर में 40 लाख अतिरिक्त नौकरियां पैदा करना, भारत के सकल घरेलू उत्पाद में डिजिटल कम्युनिकेशन सेक्टर का 8 फीसदी योगदान सुनिश्चित करना तथा भारत को आईटीयू के आईसीटी विकास सूचकांक में शीर्ष पायदान के 50 देशों की सूची में लाना. ये सभी लक्ष्य सामाजिक दृष्टि से प्रासंगिक हैं और इनके माध्यम से भारत दुनिया की डिजिटल कम्युनिकेशन अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकेगा."
आईएमएआई ने कहा कि वर्तमान में भारत की मुख्य समस्या है - पहुंच. नीति को कुछ इस तरह से तैयार किया गया है कि यह 2022 तक सशक्त डिजिटल कम्युनिकेशन अवसंरचना निर्माण में मदद करेगी. नीति के कई महत्वपूर्ण पहलू हैं जो पहुंच की इस समस्या को हल करेंगे जैसे हर नागरिक तक 50 एमबीपीएस का युनिवर्सल ब्रॉडबैण्ड कवरेज, सभी ग्राम पंचायतों के लिए 2020 तक 1 जीबीपीएस तथा 2022 तक 10 एमबीपीएस कनेक्टिविटी, सभी मुख्य विकास संस्थानों के लिए ऑन-डिमांड 100 एमबीपीएस ब्रॉडबैण्ड जो डिजिटल इंडिया की गति को तेज करेंगे.