इंफोसिस के को-फाउंडर एन आर नारायणमूर्ति ने कहा- 'जय हो' और 'मेरा भारत महान' के नारे लगाना आसान, मानवीय मूल्यों का संरक्षण करना कठिन
इंफोसिस के को फाउंडर एन आर नारायणमूर्ति (Photo Credit-ANI)

इंफोसिस (Infosys) के को-फाउंडर एन आर नारायणमूर्ति (N R Narayana Murthy) ने गोरखपुर में कहा कि तिरंगा लहराते हुए जोर-जोर से 'जय हो' और 'मेरा भारत महान' कहना आसान है, जबकि इनके लिए जरूरी मानवीय मूल्यों का संरक्षण कर पाना कठिन है. उन्होंने कहा कि बोलने की स्वतंत्रता, भय से स्वतंत्रता, चाहने की स्वतंत्रता जैसे मूल्य देश के स्वर्णिम भविष्य के लिए आवश्यक हैं. इनका संरक्षण करना ही असली देशभक्ति है. उपाधि प्राप्त कर रहे युवा इन बातों का ख्याल हमेशा रखें. एमएमएम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे नारायणमूर्ति ने युवाओं को नया भारत गढ़ने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का आह्वान किया. एन आर नारायणमूर्ति ने कहा कि भारत में निश्चित ही आज माहौल बदला है. देश की आर्थिक वृद्धि दर 6-7 फीसद है. भारत दुनिया का साफ्टवेयर डेवलेपमेंट सेंटर बन रहा है.

उन्होंने कहा हमारा फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व 400 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक हो रहा है, निवेशकों का भरोसा बढ़ा है, हमारे आंत्रप्रेन्योर को विदेशों से फंड मिल रहे हैं, शेयर बाजार में उमंग है, फो‌र्ब्स मैगजीन के मुताबिक देश में खरबपतियों की संख्या बढ़ रही है. यह सब अच्छा दिखता है, लेकिन एक और भारत है, जहां भयानक गरीबी है, भुखमरी है, कुपोषण है, भ्रष्टाचार है, 350 मिलियन भारतीय न लिख सकते हैं, न पढ़ सकते हैं, 200 मिलियन लोगों को पीने के लिए साफ पानी तक मिलना मुहाल है, 750 मिलियन लोग सैनिटेशन फैसिलिटीज से दूर हैं, इन सबका अनिश्चित भविष्य है और हम हैं इन स्थिति को लेकर सहज हो चले हैं.

मानवीय मूल्यों का संरक्षण असली देशभक्ति-

यह भी पढ़ें- शुरुआती कारोबार में 72 रुपये प्रति डॉलर के स्तर से नीचे आया रुपया.

नारायणमूर्ति ने कहा "सरकार को चाहिए कि वह इन्‍टरपेन्‍योरर्स की बाधाएं खत्‍म करे ताकि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा हों. अर्थव्यवस्था की नीतियों को विशेषज्ञता पर आधरित रखना होगा न कि लोकलुभावन. मुझे युवाओं पर पूरा भरोसा है. ईश्‍वर से प्रार्थना है कि आपको समस्याओं के समाधान की क्षमता और सबसे बढ़कर ऐसा चरित्र दें जो भारत को सफलता के शिखर पर ले जाए. देश को आपसे बहुत उम्मीदें हैं.

उन्‍होंने कहा कि आज के युवा चारों ओर छाए अंधेरे को मिटाने को तैयार हैं. सभी के लिए देश को बेहतर बनाने की ऊर्जा उनमें है. उन्होंने एमएममएमयूटी में उपाधि प्राप्त कर रहे युवा इंजीनियरों को बधाई देते हुए कहा कि आप उन चंद सौभाग्यशालियों में हैं, जिन्हें भारत के विवि से शिक्षा पूरा करने का अवसर मिला है. अब इसका इस्तेमाल भारत के सभी नागरिकों को बेहतर भविष्य देने के लिए करें. सैकड़ों सालों तक भारत को वैश्विक समुदाय से इतना सम्मान नहीं मिला, जितना आज मिल रहा है. उन्होंने कहा हमें अपने लोगों में आदर्शवाद, आत्मविश्वास, आशा, ऊर्जा और जिज्ञासा की भावना विकसित करनी होगी, तभी हमारे देश के संस्थापकों का सपना सच्चे अर्थों में पूरा हो सकेगा.