Twitter: क्या आईटी नियमों का पालन न करने पर भारत ट्विटर को निलंबित कर सकता है?
ट्विटर (Photo credits: pixabay)

नई दिल्ली: नए आईटी नियमों (IT Rules) का पालन न करने को लेकर भारत ट्विटर (Twitter) के साथ अपनी लड़ाई को अंतिम दौर में ले जा रहा है. एसे में सवाल उठता है कि क्या भारत नाइजीरिया की तरह प्लेटफॉर्म को ब्लॉक या सस्पेंड कर सकता है? Twitter को भारत सरकार का आखिरी नोटिस, दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी

नाइजीरियाई सरकार ने ट्विटर पर अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया है, इसके कुछ ही दिनों बाद उसने अमेरिकी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर दोहरे मानकों का आरोप लगाया और अलगाववादियों का समर्थन किया. राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी के एक ट्वीट को हटाने के बाद, वहां की सरकार ने नाइजीरिया में ट्विटर के संचालन के बारे में संदेह व्यक्त किया था.

भारत में, ट्विटर नए आईटी (मध्यस्थ) नियम 2021 का पालन नहीं करने के कारण इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि सोशल मीडिया फर्मों को देश में एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करने की आवश्यकता है. कंपनी ने नए मध्यस्थ दिशानिदेशरें को लागू करने के लिए कंपनी के आईटी मंत्रालय से न्यूनतम तीन महीने के विस्तार पर विचार करने का अनुरोध किया है.

ट्विटर के साथ चल रहे नोटिस-एंड-लेटर गेम के बीच, भारत सरकार ने अब माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को बताया है कि कंपनी के जवाबों से यह स्पष्ट है कि उसने आज तक मुख्य अनुपालन कार्यालय के विवरण के बारे में नियम आवश्यक रूप से सूचित नहीं किया है.

आईटी मंत्रालय ने अपने नए नोटिस में कहा है कि नए नियमों के तहत जरूरी रेजिडेंट ग्रीवेंस ऑफिसर और प्लेटफॉर्म द्वारा नामित नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन भारत में उसके कर्मचारी नहीं हैं.

विशेषज्ञों के अनुसार, हालांकि भारत के लिए नाइजीरिया द्वारा किए गए अनिश्चित काल के लिए ट्विटर पर सेवाओं का निलंबन लागू करना मुश्किल हो सकता है, कंपनी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके शिकायत अधिकारी भारत में हों न कि अमेरिका में.

दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष सोशल मीडिया नामित अधिकारियों के मामले पर बहस कर रहे आरएसएस के पूर्व विचारक गोविंदाचार्य के वकील विराग गुप्ता ने कहा, "अगर ट्विटर के खिलाफ (नाइजीरिया की तरह) इस तरह की कठोर कार्रवाई की गई है, तो फेसबुक और व्हाट्सएप सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इसी तरह का कानून लागू करना सुनिश्चित करना होगा."

गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, "नए मध्यस्थ नियमों के अनुसार, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया दिग्गजों के भारत में अपने शिकायत अधिकारी होने चाहिए. ये कंपनियां मध्यस्थ नियमों में हितधारक हैं और आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए आईटी नियमों का पालन करना चाहिए."

ट्विटर ने आईटी मंत्रालय के नवीनतम नोटिस पर कोई टिप्पणी नहीं की. मंच और केंद्र काफी समय से आमने-सामने हैं. जुबानी जंग जारी है, लेकिन सरकार की ओर से आज तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है.

प्रमुख साइबर कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल के अनुसार, " भारत को आईटी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है, जिसमें उचित परिश्रम के नए मापदंडों को परिभाषित करने की मांग की गई है. इनको सोशल मीडिया मध्यस्थों द्वारा पालन करने की आवश्यकता है."

दुग्गल ने आईएएनएस को बताया, "भारत को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि नए आईटी नियम केवल कागजी न बनें और प्रभावी ढंग से लागू हों. सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ आपराधिक दायित्व को लागू करने जैसे उपाय सोशल मीडिया सेवा प्रदाताओं को प्रतिरोध का संदेश प्रसारित करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है कि भारतीय साइबर कानून का मतलब व्यापार है."

सरकार को सोशल मीडिया बिचौलियों के कानूनी दायित्व से वैधानिक छूट को हटाने को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है, जब वे आईटी नियमों के 7वें नियम के आधार का पालन करने में विफल हो जाते हैं.

सुप्रीम कोर्ट के एक अनुभवी वकील दुग्गल ने कहा, "इस प्रावधान को पूरी तरह से लागू करने की आवश्यकता है जिससे सोशल मीडिया कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर बढ़ती फर्जी खबरों/गलत सूचनाओं से लड़ने के लिए अधिक ठोस तरीके, प्रक्रियाएं को अपनाने के लिए मजबूर किया जा सके."

हालांकि, ट्विटर, जिसके कथित कांग्रेस टूलकिट विवाद से संबंधित दिल्ली और गुरुग्राम में अपने कार्यालयों पर पुलिस छापेमारी हो चुकी है, उसने फिर से पुष्टि की है कि वह नए आईटी नियमों के तहत उपलब्ध अपने मौजूदा शिकायत निवारण चैनल के माध्यम से उपयोगकतार्ओं और कानून प्रवर्तन से शिकायतों को स्वीकार करना जारी रखेगा.

कंपनी ने कहा था, "हम मंत्रालय से अनुरोध करेंगे कि ट्विटर के नियमों को लागू करने के लिए कम से कम तीन महीने के विस्तार पर विचार किया जाए."