8th Pay Commission News: केंद्र सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया, "केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन का फिलहाल कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है." यह जवाब राज्यसभा सांसद जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन के सवाल पर दिया गया, जिन्होंने आगामी बजट सत्र में 8वें वेतन आयोग की घोषणा के बारे में पूछा था.
सरकार के इस जवाब से उन कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की उम्मीदों को झटका लगा है, जो लंबे समय से वेतन और पेंशन बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2016 से लागू हुई थीं, और तब से अब तक नया आयोग गठित नहीं हुआ है.
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''8वें वेतन आयोग के गठन पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं''
#NewsFlash | No proposal for constitution of Eighth Central Pay Commission under consideration with the Government, says Finance Ministry (@FinMinIndia) in #Parliament pic.twitter.com/Fl7LG3Jfso
— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) December 9, 2024
कर्मचारी संघों का क्या कहना है?
कर्मचारी संघों का कहना है कि 10 साल के अंतराल में वेतन आयोग का गठन सामान्य प्रक्रिया है. 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित हुआ था. इस हिसाब से 8वें वेतन आयोग की घोषणा अब तक हो जानी चाहिए थी. राष्ट्रीय संयुक्त सलाहकार परिषद (NC-JCM) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने पिछले महीने मीडिया से बातचीत में कहा था, "8वें वेतन आयोग के गठन में देरी का कोई कारण नहीं है. हमने सरकार के सामने कई बार यह मांग उठाई है. हाल ही में नवंबर के पहले हफ्ते में वित्त सचिव से मुलाकात के दौरान भी यह मुद्दा रखा गया था."
मिश्रा ने उम्मीद जताई है कि दिसंबर में होने वाली NC-JCM बैठक में इस पर कोई स्पष्टता मिलेगी. इस बैठक में सरकार और कर्मचारी संघों के बीच संवाद के जरिए विवादों का समाधान किया जाता है.
क्यों लागू नहीं हो रही वेतन आयोग की सिफारिशें?
गौरतलब है कि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से सरकार के खजाने पर भारी वित्तीय दबाव पड़ता है. उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से वित्त वर्ष 2017 में 1.02 लाख करोड़ रुपये का भार पड़ा था. कर्मचारी संघों को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी और जल्द ही कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा.